जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे की ओर से लगाई गई दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए गुरुवार को निर्देश दिए कि 6 मार्च तक पुलिस उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करे।
भोपाल पुलिस द्वारा एक छात्रा की शिकायत पर बलात्कार तथा उसकी मां की शिकायत पर अपहरण का प्रकरण दर्ज किए जाने के खिलाफ कटारे ने उच्च न्यायालय में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। आज दोपहर बाद जैसे ही न्यायाधीश राजीव कुमार दुबे ने दोनों याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई प्रारंभ की, तभी पीड़िता अपनी मां के साथ कोर्ट रूम में पहुंच गई।
उसने न्यायालय को बताया कि विधायक द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है। उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। न्यायाधीश दुबे ने पीड़िता और उसकी मां के अधिवक्ता कपिल शर्मा को निर्देशित किया कि वह दोनों को शांत करवाएं या कोर्ट रूम से बाहर जाने के लिए कहें।
इस पर अधिवक्ता ने पीड़िता और उसकी मां को समझाइश दी और दोनों कोर्ट रूम से बाहर चली गईं। इसके बाद कटारे की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई प्रारंभ हुई। अटेर विधानसभा से विधायक कटारे की तरफ से दायर की गई अलग-अलग याचिकाओं में भोपाल महिला थाने द्वारा पत्रकारिता की छात्रा की शिकायत पर दर्ज बलात्कार के अपराध तथा बजरिया खाने में उसकी मां की शिकायत पर दर्ज अपहरण के अपराध को चुनौती दी गई है।
दायर याचिकाओं में कहा गया है कि कथित रूप से बलात्कार पीड़िता उसे ब्लैकमेल कर रही थी, जिसकी शिकायत उसने भोपाल में पुलिस की अपराध शाखा में की थी। अपराध शाखा की टीम ने उसे पांच लाख रुपए की रकम लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
जबरन बसूली के तौर पर दो करोड़ रुपए की मांग की जा रही थी। बाद में सौदा 25 लाख रुपए में तय हुआ था। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ दस्तावेज के तौर पर सीडी भी प्रस्तुत की है। याचिका में कहा गया है कि साजिश के तहत उसके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज करवाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि उसके खिलाफ दायर प्राथमिकी खारिज की जाए तथा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई जाए।
दोनों याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण एकल पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 6 मार्च को निर्धारित की है। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करे। (वार्ता)