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उपचुनाव के नतीजों से पहले संघ कार्यालय समिधा पहुंचे शिवराज,मतगणना को लेकर कांग्रेस भी बेचैन

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विकास सिंह

, शनिवार, 7 नवंबर 2020 (14:30 IST)
भोपाल। उपचुनाव की काउंटिंग से पहले मध्यप्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया हैं। मंगलवार को होने वाली काउंटिग से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए है। दोनों ही खेमों में लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज संघ कार्यालय समिधा पहुंचकर संघ के नेताओं से मुलाकात की। काउंटिंग से पहले संघ प्रमुख से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात को सियासी गलियारों में काफी अहम नजरिए से देखा जा रहा है। 
 
वहीं दूसरी ओर आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय में उपचुनाव की वोटिंग और मतगणना को लेकर बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक भी हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा,संगठन महामंत्री सुहास भगत भी शामिल हुए। कांटे के मुकाबले वाले उपचुनाव में भाजपा काउंटिग को लेकर काफी सतर्क है और इसके लिए बड़े नेताओं ने मतगणना से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं को विशेष दिशा निर्देश भी दिए गए है।  
 
नतीजों से पहले अक्रामक कमलनाथ– दूसरी ओर वोटिंग के बाद पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा पर बेहद अक्रामक नजर आ रहे है। कमलनाथ ने एक बार भाजपा पर विधायकों की सौदेबाजी करने और विधायकों को प्रलोभन दने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा कि 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में मतदताओं ने खुलकर सच्चाई का साथ दिया है और भाजपा को यह अहसास हो रहा हैं कि वह उपचुनाव बुरी तरह हारने वाली है। ऐसे में भाजपा फिर सौदेबाजी और विधायकों की बोली लगाकर प्रदेश को कंलकित करने का प्रयास कर रही है। उपचुनाव के बाद प्रदेश में कमलनाथ सरकार की वापसी का दावा करने वाली कांग्रेस ने चुनावी परिणाम के ठीक एक दिन बाद यानि ग्यारह नवंबर को विधायक दल की बैठक भी बुलाई हैं।
 
कमलनाथ की अफसरों को चेतावनी- मतगणना से पहले अक्रामक नजर आ रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार सुमावली, मेहगांव और मुरैना में बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाकर अधिकारियों पर भी ऐसे लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि कांग्रेस की शिकायत और प्रमाण देने के बाद भी चुनाव आयोग के रिपोलिंग नहीं कराने के फैसले से उनको दुख है। उन्होंने चुनाव से जुड़े अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे प्रशासनिक अधिकारी और इनको सरंक्षण देने वाले सावधान रहें और 10 नवंबर के बाद पार्टी इसके प्रमाण और सबूत सामने लाएगी।    
 

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