देवास। बैंक नोट प्रेस देवास में वरिष्ठ पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत एक अधिकारी द्वारा 500 के नोटों की चोरी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह अधिकारी नोट प्रेस से पिछले गत तीन माह से अपने जूतों में 500-500 के नोट छुपाकर घर ले जाता था।
पर्यवेक्षक अधिकारी होने से गेट पर उसकी ज्यादा चेकिंग नहीं होती थी, इसलिए किसी ने ध्यान भी नहीं दिया। पिछले चार दिनों से बीएनपी में पदस्थ वरिष्ठ पर्यवेक्षक मनोहर वर्मा को बार-बार टेबल के नीचे झुकता देख अन्य साथियों व अधिकारियों को शंका हुई।
उसके बाद नियंत्रण अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरे में मनोहर वर्मा की प्रत्येक हरकतों को बारीकी से देखा तो पता चला कि वह अपने जूते में 500 के नोट छुपाकर ले जाता था। शुक्रवार को फिर उस पर निगरानी रखी और जैसे वही नोट जूते में रखकर गेट के बाहर आने लगा तो पहले से तैयार बैंक नोट प्रेस के अधिकारी, थाना बीएनपी टीआई उमरावसिंह बल के साथ बाहर खड़े थे।
मनोहर के जूते निकलवाकर चैकिंग की गई तो उसमें 500 के नोट रखे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर नोट प्रेस के अधिकारियों के सामने पूछताछ की तो उसने अपने घर में राशि छुपाना कबूल किया। पुलिस टीम आरोपी को लेकर उसके घर भी पहुंची और घर में छुपाकर रखे नोट के बंटल जब्त कर लिए गए।
घर से आरोपित की पत्नी व बेटी को भी पुलिस पूछताछ के लिए लेकर नोट प्रेस पहुंची है। आरोपी मनोहर वर्मा को तीन माह पहले ही रिजेक्ट नोट शाखा का पर्यवेक्षक बनाया गया था। नोट में मामूली से डिफाल्ट होने पर उन्हे रिजेक्ट कर दिए जाते थे, इन नोटों को आरोपित चुराकर अपने पास रख लेता था। अधिक डिफाल्टेड नोट वह डिस्पोजल में भेज देता था।
देवास के एएसपी अनिल पाटीदार ने बताया कि बैंक नोट प्रेस प्रबंधन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी मनोहर वर्मा को हिरासत में लिया गया। आरोपी की निशानदेही पर साकेत नगर स्थित घर से दो छोटे बैग में रखे 500-500 नोट के बंडल जब्त किए हैं।
इन बंडलों की गिनती पहले नोट प्रेस में हुई, उसके बाद जब्ती में लिए गए हैं। पहले बंडल में 26 लाख 9 हजार 300 रुपए बरामद किए हैं। दूसरे बंडल की बीएनपी में गिनती होने के बाद 64 लाख रुपए सामने आए हैं। इस तरह से अब तक 90 लाख 9 हजार 300 रुपए बरामद कर लिए हैं।
एएसपी ने कहा कि आरोपित ने रिजेक्ट नोटों को बाजार में चलाया या नहीं इसकी जांच की जा रही है। आरोपी से फिलहाल बीएनपी जीएम एमसी वैलप्पा व सीएआईएसफ के वरिष्ठ अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। बैंक नोट प्रेस में इतनी सख्ती है कि वहां पर परींदा भी पर नहीं मार सकता है।
देवास नोट प्रेस में प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारियों की प्रेस से बाहर आने पर सघन चैकिंग की जाती थी। इसके बाद भी अधिकारी बनकर पर्यवेक्षक ने सेंध मार ही दी। अगर समय पर आरोपित नहीं पकड़ाया गया होता तो पता नहीं कितने रिजेक्ट नोंटों को बाजार में चलन में ला देता।
गौरतलब है कि बीएनपी में 500-500 के नोट छपाई कुछ समय से बंद पड़ी है, किंतु नोटबंदी के बाद बल्क में नोटों की छपाई हुई थी। ऐसे में रिजेक्ट नोट भी बड़ी संख्या में बाहर आए थे।