स्वच्छ शहर इंदौर का बदहाल ट्रैफिक, मुसीबत जनता की

विशेष प्रतिनिधि
bad traffic of Indore city: स्वच्छता के मामले में 'छक्का' लगाने वाला इंदौर शहर ट्रैफिक व्यवस्था के मामले में 'शून्य' है। बेतरतीब ट्रैफिक के चलते आए दिन लोग परेशान होते रहते हैं। बारिश के दिनों में तो शहर की यातायात व्यवस्‍था का और बुरा हाल हो जाता है। पुलिस और प्रशासन द्वारा शहर के ट्रैफिक को लेकर दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इससे इतर ही है। इतना ही नहीं सीमेंट की सड़कों पर उभरी दरारें दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं। हाल ही में सड़क की दरारों के कारण हुए हादसे में एक जान चली गई थी। 
 
बीच में तो यह भी दावा किया जा रहा था कि शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए एआई की मदद ली जाएगी, लेकिन इसके उलट यातायात की अव्यवस्था शहर के प्रमुख चौराहों पर आमतौर पर देखा जा सकती है। नंदलालपुरा चौहारा, पाटनीपुरा चौराहा, हरसिद्धि क्षेत्र समेत कई इलाके ऐसे हैं, जहां आए दिन ट्रैफिक गुत्थमगुत्था हो जाता है। ई-रिक्शा चालक भी बेतरतीब तरीके से वाहन चलाते हैं। इनकी वजह से भी कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। 
 
शुक्रवार यानी 14 जुलाई का दिन ही ले लीजिए। अरविन्दो अस्पताल के पास के चौराहे पर शाम 7 बजे के आसपास काफी देर तक जाम की स्थिति रही। इस दौरान इस मार्ग से गुजर रहे सभी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, सावन का महीना होने के कारण कांवड़ यात्री भी उज्जैन की ओर जा रहे हैं और उधर से वापस आ भी रहे हैं। इसके कारण भी ट्रैफिक पर अतिरिक्त दबाव बना हुआ है। लेकिन, यहां ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़े नहीं इसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है।
 
शाम 7.30 बजे के आसपास तीन इमली चौराहे पर जाम की स्थिति थी। दूसरी ओर, कई जगह सड़क खुदने से रोज ही जाम जैसी स्थिति होती है। स्कीम नंबर 140 से अग्रवाल पब्लिक स्कूल तक सड़क खुदी होने का कारण लगभग रोज ही जाम जैसी स्थिति बनती है। हाथीपाला ब्रिज का काम चल रहा है, ऐसे में गाड़ी अड्‍डा और सियागंज इलाके में ट्रैफिक बेतरतीब रहता है।  
 
जागरूकता का अभाव : शहर के ट्रैफिक को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव भी साफ नजर आता है। ट्रैफिक पॉइंट पर कोई भी कहीं खड़ा हो जाता है। व्यक्ति को राइट में मुड़ना होता है तो भी वह लेफ्ट में जाकर खड़ा हो जाता है। सिग्नल चालू होने पर वह ट्रैफिक को डिस्टर्ब करते हुए राइट में मुड़ता है। नंदलालपुरा चौराहे पर भी कई बार देखने में आता है कि वहां ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन जाती है और वहां पुलिसकर्मी नहीं होता, जबकि थोड़े ही आगे संजय सेतु पर पुलिसकर्मियों को चालान बनाते देखा जा सकता है। 
 
कोर्ट ने जताई थी चिंता : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और हादसों के मद्देनजर 14 अक्टूबर, 2019 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल 24 घंटे चालू रखे जाएं। कोर्ट के आदेश को लगभग 4 साल हो गए हैं, लेकिन शायद ही ट्रैफिक सिग्नल रातभर चलते हुए दिखाई पड़ते हों। कोर्ट ने भी कहा था कि शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर सुबह 8 से 12 और शाम 5 से रात 11 बजे तक कम से कम दो-दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए ताकि यातायात व्यवस्था बिगड़े नहीं। (फोटो : धर्मेन्द्र सांगले) 

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