भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में उदयीमान कवि, पत्रकारिता तथा सुशासन के क्षेत्र में 5-5 लाख रुपए के 3 पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष देने की घोषणा की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वाजपेयी की जीवनी अगले शिक्षा सत्र से प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल करने का भी ऐलान किया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि अटलजी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। प्रदेश सरकार ने अटलजी की स्मृति में 3 श्रेणियों- उदयीमान कवि, पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पत्रकार और सुशासन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले अधिकारी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष 5-5 लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है तथा इसके साथ ही अगले शिक्षा सत्र से प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनी को शामिल किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की प्राथमिक शिक्षा ग्वालियर के गोरखी विद्यालय में हुई थी। वहां उन्होंने 6ठी से 8वीं कक्षा तक शिक्षा हासिल की थी। इस विद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा और यहां की कक्षाएं स्मार्ट क्लास रूम के तौर पर विकसित की जाएंगी। इसमें उनकी स्मृतियां एक संग्रहालय में सहेजी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने भोपाल में निर्माणाधीन ग्लोबल स्किल पार्क और विदिशा मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की घोषणा की।
चौहान ने कहा कि भोपाल में बन रहे विश्वस्तरीय हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम वाजपेयी के नाम पर करने के लिए राज्य सरकार रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आग्रह करेगी तथा प्रदेश में निर्माणाधीन श्रमोदय विद्यालय का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 22 से 25 अगस्त तक प्रदेश के सभी जिलों में जिलास्तर पर तथा 25 से 30 अगस्त तक ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर श्रद्धांलजि सभाएं होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां मध्यप्रदेश के नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। (भाषा)