एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहरा चुकीं जानी-मानी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा उज्जैन के महाकाल मंदिर में अव्यवस्था की शिकार हुईं। दर्शन के दौरान हुई इस घटना पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दुख जताया है।
दरअसल अरुणिमा सिन्हा के लिए महाकाल का दर्शन हिमालय पर चढ़ने से भी कठिन साबित हुआ और वो गर्भ गृह जाकर भगवन शिव के दर्शन नहीं कर सकीं।
जब अरुणिमा वहां पहुंची और मंदिर के अंदर जाने लगीं तो मंदिर के कर्मचारियों ने उन्हें यह कह कर रोक दिया कि वो लोअर, टी-शर्ट और जैकेट पहन कर मंदिर के अंदर नहीं जा सकतीं। अरुणिमा ने कहा कि हालांकि वहां मंदिर के अंदर जाने के लिए किसी ड्रेस कोड को बारे में मंदिर में उन्हें कुछ भी लिखा हुआ नहीं दिखा। इसके अलावा अरुणिमा दिव्यांग हैं और उनके पैर कृत्रिम हैं, लिहाजा उन्हें इन कपड़ों में ठंड के दिनों में पैरों में आराम मिलता है। अरुणिमा ने सारी बात वहां मंदिर कर्मियों को समझाने कि पूरी कोशिश भी की पर किसी ने उनकी बातों को अहमियत नहीं दी।
दरअसल अरुणिमा मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अर्चना चिटनिस के बुलावे पर युवाओं के एक सम्मलेन को संबोधित करने के लिए 23 दिसम्बर को बुरहानपुर गई थीं। इस दौरान थोड़ा वक्त निकाल कर वह अगले दिन सुबह 5 बजे उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन के लिए गईं। चूंकि वो मंत्री कि मेहमान थीं, लिहाज़ा मंदिर प्रशासन को अरुणिमा के आने के बारे में पहले ही बता दिया गया था।
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्विटर पर लिखा है कि उनको इस पर बेहद अफसोस है। इस घटना के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आप देश का गौरव हैं, भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में आपका स्वागत है।