भोपाल। NIA और मध्यप्रदेश एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार पीएफई से जुड़े चार सदस्यों को आज भोपाल की जिला कोर्ट ने रिमांड पर भेज दिया। गौरतलब है कि प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआईए ने छापेमारी कर टेरर फंडिंग मामले में PFI से 4 लोगों की गिरफ्तारी की थी। आज चारों आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया। वहीं कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों ने खुद को झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाया।
भोपाल में अपर जिला न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल के विशेष कोर्ट में आरोपी अब्दुल करीम, मोहमद खालिद, जावेद और मोहम्मद जमील को पेश किया गया। इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार चारों आरोपियों पर UAPA एक्ट लगाया गया है। NIA और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में इंदौर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राज्य सरगना अब्दुल करीम, मोहमद खालिद, जावेद और उज्जैन से मोहम्मद जमील गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने चारों आरोपियों को 30 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया है।
वहीं ATS की अबतक की पूछताछ में PFI सदस्यों ने कई खुलासे किए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिक्षा के अनुसार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में इनके देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के प्रमाण मिले है। इसके साथ प्रारंभिक पूछताछ में पताल चला है कि PFI के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसा रहे थे और प्रदेश में स्लीपर सेल तैयार करे थे। आरोपियों के पास से आपत्तिजनक साहित्य भी बरामद हुआ है जिसके सहारे यह लोगों को देश विरोधी गतिविधियों के लिए भड़काने की कोशिश कर रहे थे। इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों में PFI के दूसरे राज्यों के सदस्यों ने मीटिंग ली है। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए।
मध्यप्रदेश में सवालों के घेरे में PFI-मध्यप्रदेश में पीएफआई पहले से ही सरकार के रडार पर था। सरकार को मिली इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक प्रदेश में कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया लगातार सक्रिय था और इससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है। खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 500 से अधिक सदस्य सक्रिय है।
इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटेलिजेंस का नेटवर्क फैला है। पिछले साल में इंदौर में चूड़ी विक्रेता की पिटाई के बाद थाने का घेराव करने के मामले में पीएफआई के शामिल होने के इनपुट मिले थे।
वहीं खरगोन में रामनवमी पर हुए हिंसक दंगे के तार भी कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े हुए पाए गए थे। दंगों की जांच में पीएफआई फंडिग के बात भी सामने आई थी। इसके साथ मध्यप्रदेश में कई अन्य घटनाओं में भी PFI के शामिल होने के इनपुट मिले थे।