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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनों की नाराजगी भाजपा पर पड़ रही भारी!

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विकास सिंह

, मंगलवार, 2 मई 2023 (13:30 IST)
MP Political News:मध्यप्रदेश में साल के आखिरी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के लिए जहां भाजपा (BJP) पूरी ताकत के साथ चुनावी तैयारी में जुटी हुई है। वहीं चुनावी साल में पार्टी पर अपनों की नराजगी भारी पड़ती दिख रही है। पार्टी के दिग्गज नेता इन दिनों अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद कर पार्टी को आईना दिखा रहे है। वहीं कुछ नेताओं ने पार्टी से खुली बगावत कर अलग राह पर आगे बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। भाजपा के बड़े नेताओं की नाराजगी की वजह टिकट के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ आए नेताओं के चलते उनका सियासी वजूद दांव पर लगना है।

दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के संकेत-मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) ने बगावती तेवर दिखाकर चुनावी साल में पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। देवास की हाटपिपलिया सीट से तीन बार भाजपा के विधायक रह चुके दीपक जोशी ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल होने के संकेत दिए है। दीपक जोशी की पार्टी की नाराजगी की मुख्य वजह विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी है।

2018 के विधानसभा चुनाव में दीपक जोशी को कांग्रेस उम्मीदवार रहे मनोज चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर मनोज चौधरी हाटपिपलिया से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। ऐसे में अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा मनोज चौधरी को टिकट देने की तैयारी में है, ऐसे में दीपक जोशी जो अब अपने राजनीतिक वजूद की लड़ाई ल़ड़ रहे है उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने के संकेत दिए है। दीपक जोशी के हाटपिपलिया के साथ देवास के खांतेगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें  तेज हो गई है।
 
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नारायण त्रिपाठी ने बनाई अलग पार्टी- मैहर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक और विंध्य के बड़े नेताओं में शुमार नारायण त्रिपाठी ने चुनावी साल में अपनी अलग पार्टी बनाने का एलान कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। अलग पार्टी बनाने का एलान करने के साथ नारायण त्रिपाठी ने विंध्य की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। नारायण त्रिपाठी के इस बगावती तेवर के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य की तीस विधानसभा सीटों पर भाजपा ने 24 सीटें जीतकर कांग्रेस को तगड़ी पटखनी दी थी। ऐसे में अब नारायण त्रिपाठी के अलग से चुनाव लड़ने के एलान के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है। 4 बार के विधायक नारायण त्रिपाठी की गिनती विंध्य के दिग्गज नेता के तौर पर होती है।

गौरीशंकर बिसेन के बगावती तेवर-महाकौशल के दिग्गज नेता और पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन भी चुनावी साल में अपने बयानों से बगावती तेवर दिखा रहे है। पिछले दिनों पार्टी लाइन के विरोधी में जाकर गौरीशंकर बिसेन ने पुरानी पेंशन स्कीम का समर्थन करते हुए कहा कि भले ही पार्टी मुझे निकाल दें लेकिन वह पुरानी पेंशन दिलाने को लेकर लड़ाई लड़ेंगे।
 
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महाकौशल की राजनीति के जानकार गौरीशंकर बिसेन के बगावती तेवर को टिकट की प्रेशर पॉलिटिक्सि से जोड़कर देखते है। सात बार के विधायक और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन विधानसभा चुनाव में अपनी बेटी मौसम बिसेन के लिए टिकट मांग रहे है। बिसेन खुद साफ कर चुके है कि अगर पार्टी मौसम को टिकट देगी तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। हलांकि भाजपा में परिवारवाद को खिलाफ लड़ाई मौसम  के टिकट में सबसे बड़ा रोड़ा है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले गौरीशंकर बिसेन बालाघाट से लेकर भोपाल तक लगातार शक्ति प्रदर्शन करने के साथ पार्टी पर दबाव बना रहे है। 

अजय विश्नोई के बगावती तेवर-महाकौशल से आने वाले 4 बार के विधायक और भाजपा के दिग्गज नेता और जबलपुर से विधायक अजय विश्नोई लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। अजय विश्नोई के निशाने पर सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है। अजय विश्नोई के बगावती तेवर दिखाने की मुख्य वजह उनको मंत्री नहीं बनाए जाने से जोड़ा जाता है। लगातार पार्टी विरोधी बयानबाजी और अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने के चले अजय विश्नोई की टिकट दावेदारी खतरे में है। उपचुनाव में हार के बाद भी जब सिंधिया समर्थकों को निगम मंडलों में एडजस्ट किया गया था तब अजय विश्नोई की नाराजगी खुलकर सामने आई थी।

अनूप मिश्रा की टिकट दावेदारी भाजपा पर भारी-ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने का सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल की राजनीति में पड़ा है। ग्वालियर में पार्टी साफ तौर पर दो फाड़ नई और पुरानी भाजपा में बंट गई है। एक जमाने में ग्वालियर में सिंधिया की खुलकर मुखालफत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा की टिकट की दावेदारी ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर पूर्व से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल के हाथों हार का सामना करने वाले अनूप मिश्रा एक बार फिर टिकट के लिए दावेदारी कर रहे है। अनूप मिश्रा की टिकट की दावेदारी की मुख्य वजह उपचुनाव में मुन्नालाल गोयल की हार है और वह पूरी ताकत के साथ चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे है।

कुसुम महदेले ने नंदकुमार साय का किया समर्थन- शिवराज सरकार में मंत्री रही बुंदेलखंड के पन्ना से आने वाले भाजपा की वरिष्ठ नेता कुसुम महदेले ने छत्तीसगढ़ में भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले नंदकुमार साय के बहाने एक बार फिर अपने तेवर दिखा दिए है। नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने पर  कुसुम महदेले ने ट्वीट करते हुए लिखा  कि “बड़ा झटका लगा य़ह जानकर कि नन्द कुमार साय जी ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। नन्दकुमार जी ने मैंने  संयुक्त मध्यप्रदेश में एक साथ बीजेपी में काम किया है।

मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़े लोधी चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले कुसुम महदेले का पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया था। टिकट काटने की वजह भाजपा के 75 साल के फॉर्मूले को बताया गया था। कुसुम महदेले लगातार भाजपा के बड़े नेताओं पर सवाल उठाने के साथ इस बार भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदारी करती आई है। ऐसे में अब चुनाव नजदीक आ रहे है तब नंदकुमार साय का समर्थन कर कुसुम महदेले ने एक बार फिर अपने इरादे जाहिर कर दिए है।

गौरीशंकर शेजवार के तेवर बरकरार-मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार भी अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे है। गौरीशंकर शेजवार की नाराजगी की वजह भी टिकट की दावेदारी से जोड़कर देखी जा रही  है। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने गौरीशंकर शेजवार का टिकट काट कर उनके बेटे मुदित शेजवार को सांची विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था और कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. प्रभुराम चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था। 2020 के उपचुनाव में भाजपा ने डॉ. प्रभुराम चौधरी का अपना उम्मीदवार बनाया तब गौऱीशंकर शेजवार और उनके बेटे मुदित शेजवार पर पार्टी के खिलाफ काम करने का  आरोप लगा और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस थमा दिया।

अब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीवारों की टिकट की सुगबुगाहट तेज हो गई है और टिकट की चाहत में नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला शुरु हो गया है तब भाजपा पार्टी से नाराज नेताओं को साधने में जुट गई है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी पर कहते हैं कि नाराजगी की कोई बात ही नहीं है। इन नेताओं से चर्चा और संवाद का क्रम जारी है और आगे का रास्ता भी निकलेगा। गृहमंत्री ने कहा की दीपक जोशी पार्टी के वरिष्ठ और समर्पित कार्यकर्ता है और हम सब उनके साथ खड़े है।  

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