Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सिद्धार्थ मलैया की भाजपा में वापसी, क्या कर्नाटक की तर्ज पर MP में भी नेता पुत्रों को मिलेगा टिकट?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Siddharth Malaiya
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 27 अप्रैल 2023 (15:53 IST)
भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता अपने हाथों में बरकरार रखने के लिए परिवारवाद से परहेज करने के अपने फॉर्मूले को तिलांजलि दे दी है। राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने ऐसे 34 चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है जो राजनीतिक परिवारों से आते है। कर्नाटक में जीत के लिए भाजपा के परिवारवाद के फॉर्मूले को दरकिनार करने से चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। 
 
कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के सामने करने वाले ऐसा राज्य होगा जहां भाजपा सत्ता में काबिज है। कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के बेटे टिकट के लिए खुलकर दावेदारी कर रहे है। ऐसे में जब भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका देने की तैयारी में है तो सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई है कि क्या नए चेहरों में मध्यप्रदेश के उन नेता पुत्रों को भी टिकट मिलेगा जो लंबे समय से पार्टी में सक्रिय है। सवाल यह भी है कि कर्नाटक की तर्ज पर क्या मध्यप्रदेश में भी भाजपा अपने 200 प्लस के टारगेट को हासिल करने के लिए परिवारवाद से परहेज करने की अपनी गाइडलाइन को दरकिनार करेगी। 
 
इन सवालों को आज उस वक्त और बल मिल गया जब गुरुवार को भाजपा के दिग्गज नेता और उपचुनाव में भाजपा से बगावत करने वाले जयंत मलैया  के बेटे सिद्धार्थ मलैया की भाजपा में वापसी हो गई है। 
Siddharth Malaiya
सिद्धार्थ मलैया-गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में  भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे है। भाजपा में वापसी करने के बाद सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि अब उनकी घर वापसी हो गई है और पार्टी उनको जो भी जिम्मेदारी देगी उसको वह निभाएंगे। 
 
चुनाव से ठीक पहले सिद्धार्थ मलैया के भाजपा में वापसी के कई सियासी मायने है। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया दमोह से भाजपा की ओर से टिकट के प्रबल दावेदार है। पिछले दिनों दमोह में जयंत मलैया के 75वें जन्मदिन पर जिस तरह से भाजपा के सभी दिग्गज नेता पहुंचे उसे चुनाव से  पहले जयंत मलैया के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया। सिद्धार्थ मलैया दमोह में बेहद सक्रिय है और पिछले दिनों उनकी अन्य दलों से बढ़ती नजदीकियों ने उनकी चिंता बढ़ा दी थी।
 
मौसम बिसेन-विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट की दूसरी प्रमुख दावेदार बालाघाट से आने वाले भाजपा के दिग्गज नेता गौरीशंकर बिसेन के पुत्री मौसम बिसेन है। पिछले दिनों गौरीशंकर बिनेन ने भोपाल और बालाघाट में बड़े आयोजन को  मौसम बिसेन की पॉलिटिक्ल लॉन्चिंग के तौर पर देखा गया। वहीं गौरीशंकर बिसेन जिस तरह से इन दिनों अपनी ही पार्टी के खिलाफ तीखे तेवर अपनाए है वह उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है।
 
अभिषेक भार्गव-शिवराज सरकार में वरिष्ठ मंत्री और आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव भी टिकट के एक प्रबल दावेदार है। अभिषेक इन दिनों रहली विधानसभा में काफी सक्रिय है। अभिषेक भार्गव विधानसभा में बड़े धार्मिक आयोजन में यजमान की भूमिका निभाने के साथ युवाओं में खासा लोकप्रिय है। अभिषेक भार्गव पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट के तगड़े दावेदार  थे लेकिन चुनाव के ऐन वक्त पर अभिषेक भार्गव ने खुद अपनी दावेदारी वापस ले ली थी।
 
हर्षवर्धन सिंह चौहान-पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान भी टिकट के तगड़े दावेदार है। पिता नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद हुए उपचुनाव में पार्टी नेतृत्व ने हर्षवर्धन को टिकट नहीं देकर ज्ञानेश्वर पाटिल को मौका दिया था। इसके बाद अब यह माना जा रहा है कि हर्षवर्धन सिंह चौहान को भाजपा विधानसभा चुनाव में मैदान में उतार सकती है।  
 
मुदित शेजवार- प्रदेश के पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार भी टिकट की दावेदारी कर रहे है। रायसेन जिले की सांची सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे मुदित की राह में सबसे बड़ा रोड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री प्रभुराम चौधरी है। उपचुनाव में प्रभुराम चौधरी का अंदरखाने विरोध करने पर मुदित शेजवार को पार्टी नेतृत्व की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था। 

सुकुर्ण मिश्रा-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दतिया से टिकट के एक दावेदार गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकुर्ण मिश्रा का नाम भी शामिल है। दरअसल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज के मामले में फंसे है और इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है। ऐसे में नरोत्तम मिश्रा चुनाव ल़ड़ेगे यह बहुत कुछ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। चुनाव से पहले सुकुर्ण मिश्रा दतिया विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय है। सुकुर्ण मिश्रा दतिया में धार्मिक आयोजन के साथ भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हो रहे है। पिछले दिनों मां पीतांबरा की भव्य शोभा यात्रा में सुकुर्ण की बड़ी भूमिका थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिवराज ने कर्नाटक के मतदाताओं को किया आगाह, कांग्रेस के झांसे में न आएं