भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची ने मध्यप्रदेश की सियासत को दिलचस्प मोड़ पर ला दिया है। हर हाल में मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक साथ 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतार कर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। इसके साथ भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर एक विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित कर पार्टी ने पूरे मालावा-निमाड़ की सियासत को साधने की कोशिश की है। दूसरी सूची में केंद्रीय कृषि मंत्री और चुनाव अभियान समिति के संयोजयक नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया है।
इंदौर-1 विधानसभा सीट से पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने कांग्रेस के हाथों से यही हथियानें की पूरी तैयार कर ली है। 10 साल बाद चुनाव मैदान में उतरने जा रहे कैलाश विजयवर्गीय के कंधों पर इंदौर जिले की सभी 7 सीटों को जिताने की जिम्मेदारी के साथ मालवा-निमाड़ की 66 सीटों पर पार्टी का बेड़ा पार लगाने का दामोदार रहेगा।
दूसरी सूची में केंद्रीय कृषि मंत्री और चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल में भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव मैदान में उतारकर पूरे अंचल को साधने की कोशिश की है। वर्तमान में मुरैना-श्योपुर संसदीय सीट से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की पूरे अंचल में अच्छी पकड़ मानी जाती है और अब उनके कंधों पर ग्वालियर-चंबल की 34 सीटों को जिताने की जिम्मेदारी होगी।
इसके साथ पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से चुनावी मैदान में उतारा है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाने वाले प्रहलाद पटेल को उनके भाई जालम सिंह पटेल की जगह टिकट दिया गया है। अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे प्रहलाद सिंह पटेल के जारिए भाजपा ने ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। इसके साथ उमा भारती की नारजगी के चलते पार्टी ने प्रहलाद सिंह पटेल को आगे कर लोधी समाज को साधने की कोशिश की है। प्रहलाद सिंह पटेल पर अपनी सीट के साथ महाकौशल में पार्टी का परचम लहराने की जिम्मेदारी होगी।
पार्टी ने जबलपुर पश्चिम से 4 बार के सांसद राकेश सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। जबलपुर पश्चिम सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण भनोट का कब्जा है। ऐसे में पार्टी ने राकेश सिंह को चुनावी मैदान में उताकर उनके कंधों पर जबलपुर की सभी सीटों को जिताने की जिम्मेदारी डाल दी है। वहीं पार्टी ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला की निवास सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनावी मैदान में उताकर पार्टी ने आदिवासी वोट बैंकं को साधने की कोशिश की है। पार्टी ने होशंगाबाद से सांसद राव उदय प्रताप को गडरवारा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।
इसे साथ पार्टी ने विंध्य से अपन दो सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। सतना से पार्टी ने स्थानीय सांसद गणेश सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। 4 बार के सांसद गणेश सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं पार्टी ने सीधी विधानसभ सीट से सांसद रीति पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। पेशाब कांड के बाद चर्चा में आए केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर रीति पाठक को कंधों पर अपनी सीट जीतने के साथ ब्राह्म्ण वोट बैंक को साधने की भी जिम्मेदारी होगी।
इसके साथ भाजपा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से युवा भाजपा नेता विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार बनाया है। बंटी साहू युवाओं में खासा लोकप्रिय है और बीते कई सालों से छिंदवाड़ा में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटे हुए है। इसके अलावा परासिया (अजा) से ज्योति डहेरिया, घोड़ाडोंगरी (अजजा) से गंगाबाई उइके, उदयपुरा से नरेश शिवाजी पटेल और खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी को चुनावी दंगल में उतारने का निर्णय हुआ है। आगर (अजा) से मधु गेहलोत, शाजापुर से अरुण भीमावत, भीकनगांव (अजजा) से नंदा ब्राह्मणे, राजपुर (अजजा) से अंतर सिंह पटेल, पानसेमल (अजजा) से श्याम बर्डे, थांदला (अजजा) से कल सिंह भांवर, गंधवानी (अजजा) से सरदार सिंह मेड़ा देपालपुर से मनोज पटेल, नागदा खाचरोद से डॉ. तेजबहादुर सिंह और सैलाना (अजजा) से संगीता चारेल चुनाव मैदान में रहेंगी।