chandra grahan 2024: 25 मार्च 2024 को वर्ष का पहला उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा। यदि आपकी कुंडली में चंद्र ग्रहण योग है तो इस दिन यह उपाय करके आप इस ग्रहण दोष से मुक्त हो सकते हो। चंद्रग्रहण से मानसिक पीड़ा और माता को हानि पहुंचती है। स्वास्थ संबंधी कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके साथ यह यह ग्रहण दोष कुंडली के जिस भी भाव में होता है उस भाव के फल को खराब कर देता है।
कैसे बनता है चंद्र ग्रहण दोष :-
जन्म पत्रिका में किसी एक स्थान पर राहु एवं चंद्रमा की युति हो तो ग्रहण चंद्र योग बनता है। इसमें भी राहू एवं चंद्रमा के अंशों में 9 अंश से कम का अंतर हो तो ग्रहण योग बनता है, परंतु 9 अंश से अधिक के फासले पर यह योग प्रभावकारी नहीं होता है। यदि दोनों ग्रहों की दूरी 7 अंश से कम की हो तो इस योग का फल अधिक पड़ता है। राहू, चंद्रमा का अंतर डेढ़ अंश से कम होने पर यह योग पूर्ण प्रभावकारी रहता है।
कुंडली के भाव के अनुसार फ्रभाव:-
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प्रथम भाव में हो तो खर्च दोष, दांत का देरी से आना एवं धन संचय का योग बनता है।
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द्वितीय भाव में खुद के परिश्रम से धन प्राप्त करना, खाने के शौकीन होना एवं बचपन में कष्ट पाने का योग बनता है।
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तृतीय स्थान में राहू-चंद्र की युति से शांत प्रकृति वाले, प्रसिद्धि पाने वाले एवं दाहिने कान में तकलीफ की संभावना आती है।
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चतुर्थ स्थान में जन्मभूमि से दूर जाना पड़ता है, मेहनत से प्रगति करते हैं। दान की प्रवृत्ति अधिक होती है।
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पंचम स्थान का ग्रहण जातक को बुद्धिमान, ईश्वर भक्त और कामी बनाता है।
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छठे भाव में शरीर निरोगी रहता है। शत्रु बहुत उत्पन्न होते हैं, लेकिन जल्दी ही समाप्त हो जाते हैं। मातृपक्ष की चिंता होती है।
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सप्तम भाव में ग्रहण योग दाम्पत्य जीवन को अच्छा करता है। व्यापार में हानि का योग बनता है, पलायनवादी दृष्टिकोण को जन्म देता है।
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आठवें स्थान में राहू-चंद्र की युति से अल्पायु में प्रसिद्धि मिलती है, स्त्री से धन प्राप्त होता है, आर्थिक हानि उठाना पड़ती है।
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नौवें घर में संतान की प्रगति होती है, लंबे प्रवास का योग बनता है, धार्मिक कार्य करते हैं और आलस्य आता है।
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दशम भाव में योगी, हल्का व्यापार करने वाला एवं सामाजिक कार्य में संलग्नता का फल देता है।
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ग्यारहवें स्थान में चंद्र-राहू की युति काम से प्रसिद्धि दिलाती है। अनैतिक तरीके से धन एकत्र करने पर परेशानी उठाना पड़ती है। आँख या कान के रोग उत्पन्न होते हैं।
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बारहवें स्थान में इस योग का फल कुशल व्यवसायी के रूप में मिलनसारिता के रूप में एवं दाम्पत्य जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न करता है।
चंद्रग्रहण के लिए उपाय:- chandra grahan dosh ke upay
1.सोमवार और प्रदोष का व्रत रखें।
2.दाढ़ी और चोटी न रखें।
3.सोमवार को केसर की खीर खाएं और कन्याओं को खिलाएं।
4.सोमवार के दिन श्वेत वस्त्रों का दान करना चाहिए।
5.शिवजी की पूजा करें और चावल का दान करें।
ग्रहण काल में जपें ये खास मंत्र- lunar eclipse mantra
1. ॐ सों सोमाय नमः।
2. ॐ चं चंद्रमस्यै नम:।
3. ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
4. ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:।
5. ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नमः।
कैसे जपे मंत्र- कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में मन लगता है और ध्यान भी नहीं भटकता है। उपरोक्त मंत्रों को ग्रहण काल में विधिवत जाप करने से दिव्य फल प्राप्त होता है और जीवन की सभी मुसीबतें दूर होती है।