मैनपुरी। 24 साल बाद शुक्रवार को सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर एक चुनावी रैली में साथ में नजर आए। मंच पर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच मायावती को बैठाया गया। इस अवसर पर मायावती ने मुलायम को जिताने की अपील करते हुए उन्हें असली नेता करार दिया।
1995 में हुए बहुचर्चित गेस्टहाउस कांड के बाद सपा से रिश्ते तोड़ चुकीं मायावती आज जब रैली के लिए क्रिश्चियन कॉलेज के मैदान में पहुंचीं तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। सपा के गढ़ मैनपुरी में मायावती का स्वागत करने वालों में बड़ी संख्या सपा कार्यकर्ताओं की थी।
मायावती ने मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव को जिताने की अपील करते हुए कहा कि इस गठबंधन के तहत मैं मैनपुरी में खुद मुलायम के समर्थन में वोट मांगने आई हूं। जनहित में कभी-कभी हमें कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। देश के वर्तमान हालत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आप मुझसे जानना चाहेंगे कि 2 जून 1995 के गेस्टहाउस कांड के बाद भी सपा-बसपा गठबंधन कर चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? इस गठबंधन के तहत मैं मैनपुरी में खुद मुलायम के समर्थन में वोट मांगने आई हूं। जनहित तथा पार्टी के मूवमेंट के लिए कभी-कभी हमें कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। देश के वर्तमान हालत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। मेरी अपील है कि पिछड़ों के वास्तविक नेता मुलायम सिंह यादव को चुनकर आप संसद भेजें। उनके उत्तराधिकारी अखिलेश यादव अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।
मंच पर मुलायम सिंह के पहुंचने पर मायावती ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। मायावती ने कहा कि मैनपुरी के लोग मुलायम को असली नेता मानते हैं, खासकर पिछड़े वर्ग के लोग। मुलायम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं। मुलायम सिंह असली पिछड़े वर्ग के हैं, वह मोदी की तरह फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं।
इस अवसर पर सपा सरक्षंक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि बहुत दिनों के बाद हम और मायावती एक मंच पर हैं। सपा को जिताने तथा कार्यकर्ताओं से मायावती का हमेशा सम्मान करने की अपील करते हुए मुलायम ने कहा कि आज महिलाओं का शोषण हो रहा है। इसके लिए हमने लोकसभा में सवाल उठाया। संकल्प लिया गया कि महिलाओं का शोषण नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज हमारी आदरणीय मायावती जी आई हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। मैं आपके इस अहसान को कभी नहीं भूलूंगा। मायावती जी का हमेशा बहुत सम्मान करना। समय-समय पर उन्होंने हमारा साथ दिया है। (भाषा)