प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या के गुसाईंगंज में एक रैली को संबोधित किया। मोदी के अयोध्या दौरे की देशभर में चर्चा रही। हालांकि, अयोध्या यात्रा के दौरान मोदी न तो हनुमानगढ़ी मंदिर गए और न ही उन्होंने रामलला के दर्शन किए।
आइए जानते हैं नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में किसी भी मंदिर नहीं जाने का फैसला क्यों लिया...
सुप्रीम कोर्ट में मामला : राम मंदिर मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। अत: मोदी ने रामलला से दूरी बनाने का फैसला किया है। अगर वह हनुमान गढ़ी जाते हैं तो सवाल उठेंगे राम मंदिर क्यों नहीं गए। ऐसे में मोदी ने दोनों ही मंदिरों में दर्शन के लिए नहीं जाने का फैसला किया।
धर्म निरपेक्ष छवि : मोदी लंबे समय से अपनी छवि धर्म निरपेक्ष नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। राम मंदिर जाने से मुस्लिम वर्ग भाजपा से दूरी बना सकता था। ऐसे में मोदी ने यहां के सभी मंदिरों से दूरी बना ली।
चुनाव आयोग का डर : मोदी को इस बात का भी डर सता रहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। अगर वह रामलला जाते हैं तो इस पर बवाल मत सकता है। चुनाव आयोग भी इस मामले पर एक्शन ले सकता है। इसी डर से प्रियंका गांधी भी रामलला के दर्शन के लिए नहीं गई थीं। हालांकि उन्होंने हनुमानगढ़ी में माथा जरूर टेका था।