Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राहुल V/s तुषार : वायनाड में देखने को मिलेगा रोचक मुकाबला

हमें फॉलो करें राहुल V/s तुषार : वायनाड में देखने को मिलेगा रोचक मुकाबला
, बुधवार, 3 अप्रैल 2019 (12:12 IST)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर विरोधियों को चौंका दिया है।  हालांकि वर्ष 2009 में अस्तित्व में आई इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, लेकिन राहुल की उम्मीदवारी सीपीआई को रास नहीं आ रही है। इसके लिए वाम पार्टी ने न सिर्फ कांग्रेस की आलोचना की है, बल्कि राहुल गांधी को भी 'अमूल बेबी' तक कह दिया है।
 
दरअसल, राहुल इस सीट से चुनावी मैदान में उतरकर न सिर्फ केरल की सीटों बल्कि तमिलनाडु की सीटों पर भी अपनी उपस्थिति दर्शाना चाहते हैं। भले ही दो सीटों से चुनाव लड़ने के फैसले को विरोधी उनके डर से जोड़कर देख रहे हैं, लेकिन हकीकत में यह उनका रणनीतिक फैसला है, जिसका असर मतगणना वाले दिन देखने को मिल सकता है। 
 
इस सीट पर दोनों ही बार कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए हैं, लेकिन पिछले चुनाव के आंकड़े पर नजर डालें तो यह कहना सही नहीं होगा कि यहां कांग्रेस बहुत अच्छी स्थिति में है। पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत का अंतर महज 20 हजार से कुछ ही ज्यादा था। भाजपा की स्थिति यहां बहुत अच्छी नहीं है। पिछले चुनाव में भाजपा के पीआर रश्मिनाथ 80 हजार 752 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे। ऐसे में टक्कर कांग्रेस और सीपीआई के बीच ही देखने को मिलेगी। 
 
webdunia
भाजपा ने यहां खुद का उम्मीदवार उतारने के बजाय भारत धर्म जन सेना के तुषार वेल्लापल्ली को समर्थन देने का फैसला किया है। तुषार इझावा समुदाय के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन श्री नारायण धर्म परिपल्लना योगम के महासचिव के बेटे हैं। इझावा समुदाय केरल की पिछड़ी जातियों में आता है, जिनकी संख्‍या करीब 20 प्रतिशत है।

तुषार की पार्टी का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है, लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि स्थानीय होने के कारण वायनाड में उनकी अच्छी पकड़ है। यदि इझावा समुदाय का साथ मिला तो वे राहुल को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।इतना तो तय है कि तुषार की मौजूदगी ने मुकाबले न सिर्फ त्रिकोणीय बल्कि रोचक भी बना दिया है।
 
सीपीएम ने साधा राहुल पर निशाना : राहुल गांधी के इस सीट से चुनाव लड़ने के फैसले से सीपीआईएम नाराज है। उसका कहना है कि ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस अब भाजपा को छोड़कर लेफ्ट से दो-दो हाथ करना चाहती है। दूसरी ओर सीपीएम के नेता और राज्य के पूर्व मुख्‍यमंत्री अच्युतानंदन ने राहुल को अमूल बेबी तक कह दिया। उन्होंने कहा कि वायनाड से राहुल को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस ने अपरिपक्वता का परिचय दिया है।
 
वोटों का गणित : करीब 13 लाख मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में 56 फीसदी मुस्लिम हैं। जहां तक वायनाड जिले की बात है तो यहां 49.7 फीसदी जनसंख्‍या हिन्दुओं की है, जबकि क्रिश्चियन और मुस्लिम क्रमश: 21.5 और 28.8 प्रतिशत हैं। मलप्पुरम जिले में 70'.4 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है, जबकि यहां 27.5 प्रतिशत के आसपास हिन्दू हैं। क्रिश्चियन यहां मात्र 2 फीसदी हैं। इससे साफ जाहिर है कि मुस्लिमों का रुझान जिस उम्मीदवार की तरफ होगा, उसका पलड़ा भारी हो सकता है।
 
वायनाड का चुनावी इतिहास : वायनाड सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत वायनाड और मलप्पुरम के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जबकि एक विधानसभा क्षेत्र कोझिकोड का आता है। यहां 2009 में कांग्रेस के एमआई शानवास ने सीपीआई के एम. रहमतुल्लाह को डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से पराजित किया था। 2014 के चुनाव में भी शानवास ने सीपीआई के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को हराया, लेकिन इस बार जीत का अंतर 20 हजार के लगभग रहा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

RCB ने फिर किया निराश, हालात खराब, फिर भी कोहली को है इस बात की उम्मीद