देवास। साहित्यिक गतिविधियों की संस्था संवाद समूह द्वारा शहर के ख्यात कहानीकार और चित्रकार स्व. प्रभु जोशी की पुण्यतिथि पर 5 मई को एक आत्मीय आयोजन में 2 महिला कथाकार श्रीमती यशोधरा भटनागर तथा श्रीमती बिंदु तिवारी के कहानी तथा लघुकथा पाठ का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने उपस्थित रहकर न सिर्फ कहानी पाठ का रसास्वादन किया बल्कि स्व. प्रभु जोशी की स्मृतियों को भी साझा किया।
कार्यक्रम के पहले हिस्से में अतिथियों द्वारा सबसे पहले स्व. प्रभु जोशी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात श्रीमती बिंदु तिवारी ने अपनी 2 कहानियों का पाठ किया। इसके बाद श्रीमती यशोधरा भटनागर ने अपनी कहानी और लघुकथाओं का पाठ किया जिन्हें उपस्थित श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली। इन कहानियों पर अपनी टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रकाश कांत ने कहा कि समय की नब्ज पर हाथ रखती ये कहानियां भाषा और संवेदना के स्तर पर प्रभावित करती हैं।
कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में स्व. प्रभु जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बोलते हुए इंदौर से आए वक्ता तेज प्रकाश व्यास ने प्रभु जोशी के संग बिताए समय और उनके समग्र पर अपनी बात रखी। डॉ. प्रकाश कांत ने प्रभु जोशी के संघर्षों के बीच उनकी अपनी रचनात्मक ऊंचाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभु के लेखन और उसके काम पर बोलने के लिए भी योग्यता की जरूरत है और यहां हम सब उसके कद के आगे बौने नज़र आते हैं। देवास जैसे कस्बे में किसी लेखक को ढूंढते हुए कमलेश्वर और गुलजार जैसे कद्दावर लेखक आएं इस बात को प्रभु ने अपने लेखन से सच साबित किया।
साहित्यकार विजय श्रीवास्तव जी ने प्रभु जी को जिनियस कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बिरले ही देखें हैं मैंने। श्री विजय श्रीवास्तव ने आभार संग प्रभु जोशी के साथ बिताए पलों की स्मृतियों को साझा किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत हरि जोशी ने किया तथा कार्यक्रम संचालन मोहन वर्मा ने किया। कार्यक्रम में राजेंद्र गुप्ता, मोहन जोशी, ओम वर्मा, रामेश्वर पटेल, अमेय कांत, विजय परसाई, एसएम जैन, संदीप भटनागर, राजेंद्र राठौर, इकबाल मोदी, विभा श्रीवास्तव, शकुंतला मालवीय, अतुल शर्मा, कैलाश सिंह राजपूत, ध्रुव नारायण जोशी, सुरेश सोनी, घनश्याम जोशी, सहित अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।