इजराइल का कहना है कि उसने ईरान के अभूतपूर्व हमले को 'नाकाम' कर दिया है। ईरान ने शनिवार देर रात 200 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से इजराइल पर हमला किया। ज्यादातर ड्रोन और मिसाइलों को इजराइल के बाहर ही बेकार कर दिया गया।
मध्यपूर्व में अलग-अलग मोर्चे पर लंबे समय से चल रही अशांति शनिवार की रात ईरान के इजराइल पर हमले के बाद और ज्यादा बढ़ गई। ईरान समर्थित गुटों और उसके सहयोगियों ने शनिवार की रात इजराइल पर हमला किया। यरुशलम के अलग-अलग हिस्सों में लगातार सायरन और आकाश में धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही थीं। यह सिलसिला रविवार सुबह तक जारी था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल को 'अटल' सहयोग की बात दोहराई है और इस संकट के गहराने पर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। राष्ट्रपति बाइडेन डेलावेयर का दौरा बीच में ही रद्द कर वॉशिंगटन पहुंच गए। उन्होंने अमेरिका के सहयोगी जी7 देशों की भी बैठक बुलाने की बात कही।
ईरान की तरफ से इस हमले की आशंका पहले से ही अमेरिका समेत सभी पक्षों को थीं। 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी कॉन्सुलेट पर हवाई हमला कर उसे ध्वस्त कर दिया गया था। इस हमले में ईरान के दो जनरलों समेत 13 लोगों की मौत हुई थी। ईरान ने इस हमले का आरोप इजराइल पर लगाया था और इसका जवाब देने की बात कही थी। इजराइल ने इस हमले को ना स्वीकार किया है ना ही इससे इनकार।
ड्रोन और मिसाइलों से हमला
शनिवार देर रात इजराइल ने कहा कि ईरान ने, '200 से ज्यादा किलर ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है।' इजराइली सेना का कहना है कि उसने सभी हवाई खतरों को बीच रास्ते में ही रोकने के लिए दर्जन भर से ज्यादा लड़ाकू विमान तैयार रखे थे। इजराइल ने हमला नाकाम होने के दावे के साथ ही इसे अपनी जीत बताया है।
इजराइली सेना, अमेरिका और दूसरे सहयोगियों के साथ मिलकर ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर रही थी। रविवार सुबह इजराइल सेना ने कहा कि 99 फीसदी ड्रोनों और मिसाइलों को बीच रास्ते में ही रोक लिया गया। सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डानियल हागरी ने टेलीविजन पर प्रसारित संदेश में कहा, 'ईरानी हमला नाकाम हो गया।'
ईरान की रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इस बात की पुष्टि की है कि सीरिया में कॉन्सुलेट पर हुए हमले के जवाब में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया है। रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि धीमी गति के ड्रोन हमलों के करीब एक घंटे बाद बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं।
तेहरान के फिलिस्तीन चौक पर सैकड़ों ईरानी लोग जमा हो कर फिलिस्तीन के समर्थन में झंडे लहरा रहे थे। इलाके में ईरान के सहयोगियों ने भी इस हमले में हिस्सा लिया। यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने भी इजराइल के तरफ ड्रोन से हमला किया। लेबनान के हिज्बुल्लाह संगठन का भी कहना है कि उसने गोलन पहाड़ियों में इजराइली ठिकानों पर उसी समय रॉकेट दागे हैं।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक नेगेव के रेगिस्तान में इजराइली एयर बेस को 'काफी नुकसान' हुआ है। हालांकि इजराइली आर्मी का कहना है कि नुकसान बहुत मामूली है।
उधर ईरान का कहना है कि हमले ने 'अपने सारे उद्देश्य पूरे' कर लिए हैं। ईरानी सेना के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी ने ईरान की सरकारी टेलीविजन चैनल से कहा, 'ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस...। पिछली रात से आज सुबह तक पूरा हुआ और अपने सभी उद्देश्यों को हासिल करने में सफल रहा।' ईरान का कहना है कि उसने यह हमला एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के कॉन्सुलेट पर हुए हमले के बाद 'आत्मरक्षा' में किया।
बाघेरी का कहना है कि हमले में एक इंटेलिजेंस सेंटर और उस एयरबेस को निशाना बनाया है जहां से कॉन्सुलेट पर हमले के लिए इजराइली एफ-35 लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी थी। बाघेरी ने यह भी कहा, 'इन दोनों सेंटरों को ध्वस्त कर बेकार कर दिया गया है। हम इस ऑपरेशन को पूरा मानते हैं और हमारी राय में यह खत्म हो गया है।' इजराइल का कहना है कि हमले में हुआ नुकसान बहुत मामूली है।
अमेरिका का सहयोग
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह इजराइल के साथ ईरान के विवाद से खुद को अलग रखे। मिशन की तरफ से कहा गया है, 'यह ईरान और कपटी इस्राइली सत्ता के बीच लड़ाई है जिससे अमेरिका को जरूर अलग रहना चाहिए।' मिशन की तरफ से जारी बयान में यह भी उम्मीद जताई गई है कि ईरान के राजनयिक मिशन पर हमले की सजा देने के लिए उठाया गया ईरान का कदम इस विवाद को और नहीं भड़काएगा, 'यह मामला यहीं खत्म हो जाना चाहिए।'
हालांकि ईरान की चेतावनी के बावजूद अमेरिका ने इजराइल को उसकी तरफ आ रही मिसाइलों और ड्रोनों को मार गिराने मे मदद दी। बाइडेन ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ने, 'इजराइल को लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में मदद दी है।'
बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बातचीत में कहा, 'इजराइल ने अभूतपूर्व हमले के खिलाफ भी खुद को बचाने की क्षमता का शानदार प्रदर्शन कर अपने दुश्मनों को यह साफ संदेश दिया है कि वे इजराइल की सुरक्षा को खतरा नहीं पहुंचा सकते।' न्यूज आउटलेट आक्सियोस का कहना है कि बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा है कि वह ईरान के खिलाफ जवाबी हमले का विरोध करेंगे और उन्हें 'जीत को स्वीकार' करना चाहिए।