Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कोरोना के कुचक्र में फंस गया है यूरोप

हमें फॉलो करें कोरोना के कुचक्र में फंस गया है यूरोप
, शनिवार, 21 मार्च 2020 (09:03 IST)
कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की तादाद 10,000 के पार चली गई है और सबसे ज्यादा मौतें अब इटली में हुई हैं। जर्मनी में वायरस प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जर्मनी के बवेरिया ने लॉकडाउन का ऐलान किया है।
 
दुनियाभर में कोविड-19 की चपेट में आकर अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। इससे प्रभावितों की संख्या अब 2,44,000 तक पहुंच गई है। दक्षिणी यूरोप कोरोना वायरस की महामारी में बुरी तरह फंस चुका है।
अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। इटली के बाद स्पेन भी इस वायरस की चपेट में उलझता जा रहा है। इटली में 41,000 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं जबकि स्पेन में यह संख्या 18,077 तक जा पहुंची है।
 
इटली, चीन और ईरान के बाद कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौत वाले देशों में स्पेन का नंबर है। स्पेन में अब तक 833 लोगों की जान गई है। 6 करोड़ की आबादी वाले इटली में 3,405 लोगों की मौत हुई है जबकि चीन में 3,248 लोगों ने जान गंवाई।
ईरान के लिए यह आंकड़ा 1,284 है। जर्मनी में अब तक कोरोना वायरस के करीब 17,000 मामले सामने आए हैं और कम से कम 44 लोगों की मौत हुई है। इटली का अखबार श्रद्धांजलि के संदेशों से भरा पड़ा है।
webdunia
ज्यादातर लोगों में यह बीमारी हल्के बुखार और खांसी तक ही सीमित रह जा रही है लेकिन हर दिन बढ़ते मौत के आंकड़े लोगों को परेशान और भयभीत कर रहे हैं। अब तक 86,000 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं, इनमें से ज्यादातर चीन के हैं। इटली में वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित बर्गामो से आ रही तस्वीरें बेहद परेशान करने वाली हैं। पिछले 2 दिनों से इटली में हर दिन 400 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
 
एक तरफ लोगों की जान जा रही है तो दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के मंदी के दलदल में फंसने का खतरा बढ़ता जा रहा है। आर्थिक गतिविधियां एक तरह से बंद हो गई हैं। केन्या में फूलों का अंबार लगा है जिनका कोई खरीदार नहीं है।
दुनियाभर के एयरपोर्ट पर सन्नाटा है और ज्यादातर एयरलाइनों के विमान खड़े हो गए हैं। कई देशों ने अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए पैकेज का ऐलान किया है लेकिन फिलहाल यह संकट कब तक जारी रहेगा इस बारे में कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।
 
सरकारें लॉकडाउन और जरूरी चीजों की सप्लाई के बीच संतुलन की मुश्किलों से जूझ रही हैं। डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स के साथ ही ट्रक ड्राइवरों, सुपर मार्केट में काम करने वाले लोगों, कूड़ा उठाने वाले और पत्रकारों का काम बंद हुआ तो मुश्किल बढ़ जाएगी।
 
फ्रांस के राष्ट्रपति ने अनुरोध किया है कि ऐसी जगहों पर काम करने वाले लोग तालाबंदी के बीच भी काम जारी रखें। इमानुएल मैक्रों ने कहा कि हमें देश को चलाते रहने की जरूरत है।
 
जर्मनी के सबसे बड़े राज्य बवेरिया ने शुक्रवार को वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन करने का ऐलान कर दिया। अब तक जर्मनी के किसी इलाके में इस हद तक बंदिश नहीं लगाई गई थी। शुक्रवार की रात से अगले 2 हफ्ते के लिए बवेरिया में लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया है।
बवेरिया राज्य के मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर ने शुक्रवार को कहा कि आज मध्यरात्रि से 2 हफ्ते के लिए घर से बाहर जाने पर बुनियादी रूप से रोक लगाई जा रही है। हम बवेरियाई लोगों पर बंदिश नहीं लगा रहे हैं लेकिन हम उनके सार्वजनिक जीवन को पूरी तरह से रोक रहे हैं।
 
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही कहा कि रेस्तरां बंद रहेंगे और नागरिकों को समूह में बाहर मिलने का अधिकार नहीं होगा। ज्यादातर मामलों में अस्पताल जाने पर भी रोक रहेगी। सरकार प्रमुख ने कंपनियों से कहा है कि वो लोगों को घर से काम करने की अनुमति दें।
 
देशभर में क्लब, बार और गैरजरूरी दुकानों के खुलने पर पहले से ही रोक है। आशंका है कि दूसरे राज्य भी जल्दी ही इसी राह पर चलेंगे। इन राज्यों में सबसे पहले नॉर्थराइन वेस्टफालिया में लॉकडाउन की आशंका तेज हो गई है।
 
अब तक कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा इसी राज्य के लोग प्रभावित हुए हैं और इस राज्य की आबादी भी सबसे ज्यादा है। नॉर्थराइन वेस्टफालिया के मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि अगर लोगों ने खुद को मिलने जुलने से नहीं रोका तो राज्य सरकार इस तरह के फैसले ले सकती है। जर्मनी की संघीय शासन व्यवस्था में इस तरह के फैसले करने का पहला हक राज्य सरकारों या फिर स्थानीय प्रशासन को ही है।
 
यूरोप में सबसे पहले इटली ने ही पाबंदियां लगानी शुरू की थीं बावजूद इसके वहां बीमारी बहुत तेजी से फैली। फ्रांस और स्पेन पहले ही लॉकडाउन कर चुके हैं लेकिन अब तक वायरस के प्रसार को रोकने में बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है। जर्मनी में मरने वालों की तादाद तो कम है लेकिन पीड़ितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
 
एनआर/एमजे (एएफपी, एपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यूरोप में रोके नहीं रुक रहा है कोरोना का संकट