ओमिक्रॉन का एक नया सबवेरियंट BA.5 तेजी से फैल रहा है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि जल्द ही अधिकांश कोविड 19 संक्रमणों का जिम्मेदार यही सबवेरियंट होगा। लेकिन ये कितना खतरनाक है? क्या टीकों के जरिए इससे बचाव संभव है?
BA.5 सबवेरियंट की वजह से दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे "वेरियंट ऑफ कंसर्न" यानी चिंताजनक वेरियंट की श्रेणी में रखा है। जर्मनी की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी से जुड़े विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि गर्मियों में संक्रमण के मामले बढ़ेंगे।
जर्मनी के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन, रॉबर्ट कोख संस्थान (आरकेआई) ने 9 जून को रिपोर्ट दी कि ओमिक्रॉन सबवेरियंट BA.4 और BA.5, दूसरे तमाम वेरियंटों से ज्यादा तेजी से पनप रहे हैं। उनका निष्कर्ष था कि यूरोपीय देश के ज्यादातर कोविड मामलों के लिए ये दो सबवेरियंट ही जिम्मेदार होंगे। मौजूदा संक्रमण के 10 फीसदी मामले BA.5 वेरियंट के हैं, पिछले हफ्ते की तुलना में दोगुने।
BA.5 दक्षिण अफ्रीका में भड़का
BA.5 वेरियंट मई की शुरुआत से ही दक्षिण अफ्रीका में चिंता का सबब बन गया था। लेकिन उसके बाद की लहर अपेक्षाकृत छोटी थी और अब मंद पड़ रही है।
लेकिन पुर्तगाल में BA.5 वेरियंट 80 फीसदी नये संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। BA.2 जैसे अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में ये वेरियंट ज्यादा संक्रामक है। संक्रमण को निष्प्रभावी करने वाली एंटीबॉडीज की शिनाख्त करने में मुश्किलें खड़ी करने के अलावा, BA.5 वेरियंट दूसरे ओमिक्रॉन सबवेरियंटों की अपेक्षा ज्यादा संक्रामक है।
दूसरे ओमिक्रॉन सबवेरियंटों की तरह BA.5 से होने वाला संक्रमण, डेल्टा जैसे दूसरे कोविड स्ट्रेन्स से होने वाले संक्रमण की तुलना में हल्का होता है।
क्या बूस्टर डोज ओमिक्रॉन संक्रमण में कारगर है?
कोविड टीके या संक्रमण से मिलने वाली सुरक्षा हो - दोनों समय के साथ एंटीबॉडी के स्तरों में गिरावट की वजह से कम होती जाती है। इसका मतलब ये है कि BA.5 से कोई भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। टीकाकरण और/या पुराने संक्रमण के बावजूद नया संक्रमण होना संभव है। पुराने वेरियंटो से होने वाले संक्रमणों की तुलना में नये संक्रमण की आवृत्ती ज्यादा है।
लेकिन मौतें कम हुई हैं, अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या भी कम है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा इसलिए है क्योंकि कई लाख लोगों को टीके लग चुके हैं या उनमें वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज मौजूद हैं। इस तरह महामारी की शुरुआत की तुलना में आबादी की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा हो गई है। फिर भी आरकेआई की सिफारिश है कि बुजुर्गो और रिस्क समूहों (अन्य बीमारियों से जूझने वालों) में आने वाले लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए बूस्टर टीका लगवा लेना चाहिए।
संक्रमण ज्यादा लेकिन कम जानलेवा होंगे
अभी उपलब्ध कोविड टीके उस स्पाइक प्रोटीन के वेरिएंट को टार्गेट करते हैं जो महामारी की शुरुआत में सक्रिय था। लेकिन वायरस भी रूप बदलता आ रहा है और उसमें टीकों से मिलने वाली एंटीबॉडीज से बच निकलने की क्षमता बढ़ गई है।
इसके बावजूद, ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.4 और BA.5 सबवेरिएंट कम खतरनाक माने जा रहे हैं। कुछ जानकार कहते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि नये वेरियंटों में फेफड़ों की बजाय ऊपरी श्वसन क्षेत्र को संक्रमित करने की आशंका ज्यादा है। इससे प्रारंभिक दिनों से उलट मौत के मामले कम हैं, क्योंकि उस समय फेफड़ों पर ज्यादा असर पड़ा था।
ओमिक्रॉन संक्रमण से बचाव
डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन वेरियंटों में संक्रमण और शुरुआती लक्षणों के बीच की समयावधि छोटी होती है- औसतन करीब तीन दिन। दो खुराक वाले टीकों से मिली सुरक्षा ओमिक्रॉन संक्रमण के खिलाफ सबसे अच्छी नहीं है। लेकिन वो बीमारी के गंभीर मामलों में बचाव तो मुहैया कराती ही है। बूस्टर वैक्सीन, शरीर में ज्यादा एंटीबॉडीज का निर्माण सुनिश्चित करती हैं इस तरह और सुरक्षा देती हैं।
हालांकि अपने विभिन्न उपप्रकारों या सबवेरियंटों के साथ ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कहीं ज्यादा हल्का है, लेकिन दुर्लभ मामलों में काफी गंभीर लक्षण दे सकता है। वैसे अभी ये भी साफ नहीं है कि ओमिक्रॉन संक्रमण के दूरगामी नतीजे क्या हो सकते हैं।