विराट कोहली बार-बार 'आराम' करते नजर आ रहे हैं। आखिर इतने आराम की उन्हें जरूरत क्यों पड़ने लगी। कोलकाता में वेस्ट इंडीज के खिलाफ दूसरे टी-20 में वे अच्छे फॉर्म में नजर आए। गेंद बल्ले के बीच लग रही थी। अर्द्धशतक उन्होंने बनाया। कायदा तो यही कहता है कि अपनी इस लय को बरकरार रखने के लिए उन्हें तीसरा टी-20 भी खेलना था। श्रीलंका जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी टी-20 सीरिज खेलनी थी, लेकिन वे आराम करने चले गए।
विराट कोहली लंबे समय से फॉर्म में नहीं हैं। ऐसे में खिलाड़ी को ज्यादा से ज्यादा समय मैदान पर देना चाहिए। ताकि अपना खोया फॉर्म जल्दी से हासिल किया जा सके। वेस्टइंडीज और श्रीलंका अपेक्षाकृत कमजोर टीमें हैं और इनके खिलाफ रन बनाए जा सकते थे। विराट भी यह काम कर सकते थे, लेकिन उन्हें अपने फॉर्म की बजाय आराम की चिंता है। महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।
विराट करियर के उस दौर में नहीं हैं कि उन्हें बचा-बचा कर खर्च किया जाए। न ही उन्हें कोई शारीरिक समस्या है। फिर भी वे लगातार बीच सीरिज से हट जाते हैं। आराम करना था तो पूरी सीरिज ही नहीं खेलना था। ताकि दूसरे खिलाड़ियों को मौका मिले। विराट हटते हैं, दूसरे खिलाड़ी को मौका मिलता है। जैसे ही विराट आते हैं उस खिलाड़ी को स्थान छोड़ना पड़ता है।
इस साल टी-20 विश्वकप है। भारतीय टीम विभिन्न खिलाड़ियों को आजमा रही है ताकि सही टीम चुनी जा सके। विराट का इस तरह अंदर-बाहर होना इस प्रयोग में खलल डाल रहा है। विराट अपने स्टारडम का गलत फायदा उठा रहे हैं। जब चाहा खेल लिए, जब चाहा आराम किया।
एक क्रिकेट खिलाड़ी को इस तरह के आराम की जरूरत ही क्यों है? आईपीएल में तो कभी भी विराट आराम का बहाना बनाकर मैच नहीं छोड़ते। तब भी नहीं जब उनकी टीम खिताबी दौड़ से बाहर हो जाती है। वहां पर फ्रेंचाइजी का जबरदस्त दबाव होता है। तो फिर टीम इंडिया के लिए अलग बर्ताव क्यों?