रांची। महेंद्र सिंह धोनी के घरेलू मैदान में कप्तान विराट कोहली सिक्का जीतकर अपना मनपसंद निर्णय लेना चाहेंगे। विराट कोहली अब तक इस दौरे में एक बार भी टॉस नहीं जीत सके हैं। दिलचस्प बात यह है कि आखिरी बार एक कप्तान के तौर पर उन्होंने न्यूजीलैंड के दौरे पर टॉस जीता था। यह मैच 26 जनवरी को बे ओवल में खेला गया था। तब से विराट टॉस नहीं जीत सके हैं।
हालांकि टॉस हारने से अभी तक वनडे सीरीज में टीम इंडिया को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उल्टा टीम इंडिया सीरीज में 2-0 से आगे है। हैदराबाद में टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और 236 रन बनाए। यह मैच भारत 6 विकेट से जीत गया। वहीं नागपुर में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इस निर्णय से कई क्रिकेट जानकार चकित हो गए थे। क्योंकि नागपुर की पिच समय के साथ साथ धीमा होती जाती है। ऑस्ट्रेलिया को गलत निर्णय का खामियाजा भुगतना पड़ा। यह मैच ऑस्ट्रेलिया 8 रनों से हार गई।
टॉस हारने का नुकसान विराट कोहली को सिर्फ टी-20 में ही झेलना पड़ा। पुणे टी-20 में जहां गेंद फंस के आ रही थी टीम इंडिया सिर्फ 126 रन ही बना सकी। इस रोमांचक मैच को ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीत गया। बैंगलोर में खेले गए दूसरे टी-20 में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। ग्लेन मैक्सवेल के शानदार शतक से ऑस्ट्रेलिया मैच और सीरीज 2-0 से जीत गया।
विराट कोहली अपेक्षा करेंगे कि तीसरे वनडे में सिक्के की उछाल वह जीतें और तीसरे मैच को जीतकर सीरीज भी अपने नाम कर लें।
पांच मैचों की वनडे सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा टॉस हारने का रिकॉर्ड सौरव गांगूली के साथ है। 2004 के पाकिस्तान दौरे पर वह एक मैच में भी टॉस नहीं जीते थे लेकिन फिर भी श्रंखला भारत के नाम रही थी। क्या कोहली के साथ भी ऐसा हो सकता है। यह तो सीरीज खत्म होने के बाद ही पता चलेगा।