मुंबई: भारतीय कप्तान विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए अपनी टीम की सीमित तैयारी से चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि अतीत में इंग्लैंड में खेलने के अनुभव से उन्हें हालात की जरूरी समझ है।
भारत इस प्रतिष्ठित फाइनल मुकाबले में 18 जून से साउथम्पटन में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। न्यूजीलैंड की टीम अभी इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर दो टेस्ट की श्रृंखला खेल रही है जबकि भारत को ब्रिटेन पहुंचने के बाद पृथकवास से गुजरना होगा और इसमें से तीन दिन होटल में ही रहना होगा।
कोहली ने टीम की रवानगी से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, देखिए अतीत में भी हम पूर्ण कार्यक्रम तैयार होने के बावजूद सिर्फ तीन दिन पहले मेजबान देश में पहुंचे हैं और इसके बावजूद शानदार श्रृंखला हुई और हमने कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश की, इसलिए ये सब चीजें दिमाग में होती हैं।
कोहली ने जोर देते हुए कहा कि यह मानसिकता से जुड़ी चीज है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि हम पहली बार इंग्लैंड में खेल रहे हैं, हम सभी को पता है कि यहां के हालात कैसे होते हैं। और यहां तक कि अगर हालात किसी तरह के हालात के आदी हैं, लेकिन अगर सही मानसिकता के साथ मैदान पर नहीं उतरते हैं तो आप पहली ही गेंद पर आउट हो सकते हो या आपको विकेट हासिल करने में मुश्किल हो सकती है।
कोहली ने कहा कि अगर उनकी टीम को सिर्फ चार अभ्यास सत्र भी मिलते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, हमें मैच से पहले चार अभ्यास सत्र में भी कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम पूरी तरह सुनिश्चित हैं कि एक टीम के रूप में हम क्या कर सकते हैं और हम सभी इंग्लैंड में खेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, फिर यह भारतीय टीम के साथ हो या भारत ए के साथ, मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के लिए, इसलिए हम इससे परेशान नहीं हैं और हम सिर्फ मैदान पर उतरकर मौके का फायदा उठाना चाहते हैं।कोहली ने कोच रवि शास्त्री से सहमति जताई कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल काफी मायने रखता है।
उन्होंने कहा, हम सभी टेस्ट क्रिकेट खेलने में काफी गौरव महसूस करते हैं और हमने एक टीम के रूप में जिस तरह प्रगति की है वह इस बात का उदाहरण है कि टेस्ट क्रिकेट हमारे लिए क्या मायने रखता है।
क्रिकेट में इस समय मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा फैक्टर, इसकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए : विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर खेल में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया है, क्योंकि उनकी टीम एक और लंबे दौर के लिए बायो-बबल में प्रवेश करने वाली है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट में इस समय मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा फैक्टर है, इसलिए इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
भारतीय कप्तान ने कहा, “ सच कहूं तो वर्तमान में जिस तरह की संरचना के साथ हम प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, उस हिसाब से खिलाड़ियों के लिए एक लंबी अवधि तक प्रेरित रहना और सही प्रकार का मानसिक स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल है। केवल एक क्षेत्र में सीमित रहना और दिन भर एक ही चीज करना बहुत मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि इस समय क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा फैक्टर है , जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि हमने इस टीम को बनाने के लिए जितनी मेहनत की है, आप नहीं चाहते कि खिलाड़ी मानसिक दबाव के कारण बाहर हो जाएं और उनके पास खुद को व्यक्त करने की क्षमता या जगह भी न हो। ”