नई दिल्ली। इंग्लैंड में पहले टेस्ट शतक के बाद आत्मविश्वास से भरे युवा ऋषभ पंत का लक्ष्य चार अक्तूबर से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रही दो टेस्ट की श्रृंखला से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अपने विकेटकीपिंग कौशल को निखारने का है।
राजकोट और हैदराबाद में होने वाले टेस्ट मैचों की तैयारी के लिए पंत के बेंगलुरू में टर्न लेती पिचों पर ट्रेनिंग करने की संभावना है।
विजय हजारे ट्रॉफी के इतर पंत ने कहा, ‘भारत में विकेट इंग्लैंड से अलग या द ओवल की तरह हो सकते हैं। मैंने श्रृंखला से पहले एनसीए जाने की योजना बनाई हैं और मैं वहां ऐसे विकेटों पर कीपिंग करूंगा जहां सतह खुरदरी हो।’
चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने हाल में कहा था कि वह इस युवा खिलाड़ी के लिए विशिष्ट कीपिंग सत्र के आयोजन का प्रयास कर रहे हैं।
पंत ने कहा, ‘मुझे बेहद खुशी है कि वह (प्रसाद) मेरी कीपिंग में मदद करना चाहते है। युवा खिलाड़ी के रूप में सीखते रहना और प्रत्येक मौका मिलने पर सुधार करना मेरी जिम्मेदारी है।’
अंतिम तीन टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा के खिलाफ कीपिंग करने वाले पंत को कुछ हद तक पता चल चुका है कि स्पिनरों के खिलाफ कीपिंग करते हुए क्या करने की जरूरत है। पंत ने कहा कि इंग्लैंड में लाल ड्यूक गेंद के सामने विकेटकीपिंग करना आसान नहीं होता क्योंकि विकेट को पार करने के बाद भी गेंद मूव कर रही होता है। उन्होंने साथ ही कहा कि ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की गेंद विकेटकीपर के पास आते हुए काफी डगमगाती है।
ओवल में करियर का पहले अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले पंत को काफी सराहना मिली और उन्होंने इसका श्रेय अपनी बल्लेबाज में ‘अनुशासन’ को दिया।
इंग्लैंड में टेस्ट शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने पंत ने कहा, ‘प्रत्येक मैच के लिए मेरी मानसिकता समान होती है। पहले दो टेस्ट में मैंने शुरुआत की लेकिन इनका फायदा नहीं उठा पाया। उस दिन भी मैंने वही चीजें की लेकिन मैं मौकों को भुनाने में सफल रहा और मेरे रवैए में अधिक अनुशासन था। इसका नतीजा लोकेश राहुल के साथ अच्छी साझेदारी रही।’