इंदौर:भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के बाकी दो मैचों में भारत को केएल राहुल के स्थान पर शुभमन गिल को मौका देना चाहिये।शास्त्री ने आईसीसी की रिव्यू पॉडकास्ट पर कहा, "टीम प्रबंधन को राहुल की फॉर्म के बारे में पता है। उन्हें उसकी मानसिक स्थिति के बारे में पता है। वह जानते हैं कि उन्हें गिल जैसे खिलाड़ी को किस तरह देखना चाहिये।"
गौरतलब है कि लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे राहुल ने अपनी पिछली पांच टेस्ट पारियों में सिर्फ 50 रन जोड़े हैं। दूसरी ओर, गिल ने दिसंबर 2022 में बंगलादेश दौरे पर खेले गये पहले टेस्ट में शतक जड़ा था, जबकि उसके बाद से वह सीमित ओवर क्रिकेट में तीन शतक और एक दोहरा शतक बना चुके हैं।
शास्त्री ने कहा कि भारतीय टीम को घरेलू परिस्थितियों में खेलते हुए उपकप्तान चुनने से बचना चाहिये और सर्वश्रेष्ठ एकादश के साथ मैदान पर उतरना चाहिये।
शास्त्री ने कहा, "मुझे हमेशा विश्वास रहा कि कभी भारतीय परिस्थितियों में उपकप्तान न चुनूं। मैं सर्वश्रेष्ठ एकादश चुनना पसंद करता था, और अगर कप्तान को मैदान छोड़ने की जरूरत होती थी तो आप ऐसे खिलाड़ी को जिम्मेदारी देते जो उस समय स्थिति को संभाल सकता है। सिर्फ इसलिये क्योंकि आपको चीजें मुश्किल बनाने की जरूरत नहीं है।"
उल्लेखनीय है कि राहुल को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती दो मैचों के लिये चयनित टीम का उपकप्तान नामित किया गया था, हालांकि तीसरे और चौथे टेस्ट के लिये नामित टीम में उनके नाम के आगे से यह उपाधि हटा ली गयी।
शास्त्री ने कहा, "अगर उपकप्तान प्रदर्शन न करे तो कोई उसकी जगह ले सकता है, कम से कम यह ठप्पा तो नहीं लगा होगा। मैं सच कहूं तो मुझे घरेलू परिस्थितियों में कभी भी उपकप्तान रखना पसंद नहीं आया। विदेशों में स्थिति अलग होती है। यहां आपको ऐसा खिलाड़ी चाहिये जो दमदार फॉर्म में हो। आपको गिल जैसे किसी खिलाड़ी की जरूरत है।उन्हें बार-बार वह दरवाज़ा खटखटाकर टीम में आना होगा। अब जब वह (राहुल) उपकप्तान नहीं हैं, तो यह टीम प्रबंधन का फैसला है।"भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट एक मार्च से इंदौर में खेला जायेगा। शास्त्री ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की इतनी भरमार है कि किसी भी खिलाड़ी को टीम में बने रहने के लिये लगातार प्रदर्शन करना जरूरी है।
“उन्हें (टीम प्रबंधन को) फॉर्म, उसकी मनःस्थिति देखनी होगी। वह जबरदस्त खिलाड़ी है, लेकिन (देश में) इतनी अधिक प्रतिभा है। आपको अपने कौशल को परिणाम में बदलना होगा और लगातार बने रहना होगा। भारत में इतनी प्रतिभा है जो दरवाजे पर दस्तक दे रही है। सिर्फ राहुल ही नहीं, मध्य क्रम और गेंदबाजी में भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम में जगह बना सकते हैं।"
शास्त्री ने कहा कि फॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ी के लिये ब्रेक काफी फायदेमंद हो सकता है।
उन्होंने कहा, “कभी-कभी उन परिस्थितियों में खिलाड़ी के लिये एक ब्रेक बेहतर होता है क्योंकि वह अपने खेल पर काम करना बंद कर सकता है और मजबूत होकर वापस आ सकता है। मेरे कार्यकाल में पुजारा को बाहर कर दिया गया था। उसने (काउंटी क्रिकेट में) शतकों के साथ वापसी की। केएल राहुल को हटा दिया गया, उसने जोरदार वापसी की। आप टी20 फॉर्म को टेस्ट क्रिकेट में नहीं ले जा सकते।"
रोहित शर्मा की टीम ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी है। अगर वह इंदौर टेस्ट जीत लेती है तो जून में इंग्लैंड के ओवल मैदान पर होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में जगह बना लेगी। शास्त्री का मानना है कि भले ही इंग्लैंड में परिस्थितियां अलग होंगी, लेकिन भारत इस सीरीज की जीत से ऑस्ट्रेलिया के ऊपर मानसिक दबाव बना सकता है।
उन्होंने कहा, "(भारत की जीत का) प्रभाव होगा लेकिन (ओवल में) परिस्थितियां अलग होंगी। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पूरी तरह से फिट होकर वापस आएंगे तो खेल अलग होगा, लेकिन मनोवैज्ञानिक चोट भारत को विश्वास दिलायेगी कि उन परिस्थितियों में भी वह ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ सकता है। उम्मीद है कि जसप्रीत बुमराह वापस आ जाएंगे, शमी वहां होंगे ही और सिराज भी सुंदर गेंदबाजी कर रहे हैं। यहां 4-0 की जीत मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत संदेश देगी।"
भारत दौरे पर अब तक ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी चुनौती स्पिन के खिलाफ उनकी अकुशलता रही है। दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन तक ऑस्ट्रेलिया भारत के विरुद्ध मजबूत स्थिति में था, लेकिन तीसरे दिन के पहले सत्र में निराशाजनक बल्लेबाजी करते हुए उसने 52 रन में ही नौ विकेट गंवा दिये, जो उसकी हार का कारण बना। शास्त्री का कहना है कि अगर कंगारू बल्लेबाज अनुशासन के साथ अपनी तकनीक पर अमल करें तो उनके हाथ सफलता लग सकती है। पूर्व ऑलराउंडर शास्त्री ने कहा, "मुझे लगता है कि तकनीक पर अमल न करने से उन्हें सबसे ज्यादा निराशा मिली है। उन्हें अपने डिफेंस पर विश्वास नहीं है। तकनीक और अनुशासन की कमी अवास्तविक थी और ऑस्ट्रेलिया ने इसके लिये बड़ी कीमत चुकाई।”
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को संबोधित करते हुए कहा, "... ड्रॉइंग बोर्ड पर वापस जाएं। यदि आप अपने डिफेंस पर भरोसा नहीं करते हैं, तो आपके पास कोई मौका नहीं है क्योंकि तब आप समय से पहले ही हाथ खोलने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी आपको क्रीज पर कुछ समय बिताना पड़ता है, लेकिन अगर आप अपने डिफेंस पर भरोसा नहीं करते तो आप यह कैसे करेंगे?"
शास्त्री ने कहा, “मैंने एक भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को ऐसा करते हुए नहीं देखा। मुझे जो आश्चर्य हुआ वह यह था कि उनके कुछ सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी भी मैदान पर जाकर सामान्य से हटकर चीजें करने लगे। तो मुझे लगता है कि उन्हें धैर्य, तकनीक, अनुशासन और अपने डिफेंस पर भरोसा करना होगा।"(एजेंसी)