झांसी। राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के खेल सलहाकार आनंदेश्वर पाण्डेय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा लोढा कमेटी के नियमों का पालन कराने का निर्णय खिलाड़ियों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतर खेलों पर ध्यान नहीं देती है। गांव स्तर पर खेल निष्क्रिय हैं। स्थानीय खिलाड़ी ही गांवों से प्रतिभा को निखारते हैं।
पाण्डेय ने आज कहा कि वह न्यायालय के आदेश का विरोध नहीं करते लेकिन कोई भी चीज लागू करने से पहले उसके विषय में जान लेना जरुरी है। नियम को थोपने से खिलाड़ियों को नुकसान है।
उन्होंने कहा कि देश में अधिकतर खेल संगठन चाहे फुटबॉल, बॉक्सिंग, एथलीट, वॉलीबाल, हैंडबाल के अलावा कई खेल संघ आत्मनिर्भर हैं। सरकार से इनको कुछ नहीं मिलता है। यह अपने स्तर पर लोगों से सहयोग के माध्यम से आयोजन करते रहते हैं। गांव देहात से वह मेहनत कर खिलाड़ी निकालते हैं जो आगे चलकर जिला, प्रदेश और देश का आगे नाम रोशन करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतर खेलों पर ध्यान नहीं देती है। गांव स्तर पर खेल निष्क्रिय हैं। स्थानीय खिलाड़ी ही गांवों से प्रतिभा को निखारते हैं। उन्होंने कहा कि लोढा कमेटी के नियम थोपकर खेलों पर अंकुश लगाकर खेल को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। खिलाड़ी गंभीर प्रवृत्ति का होता है और वह अपने खेल तथा लक्ष्य से ज्यादा नहीं सोचता। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार को पहले ध्यान देना चाहिए। वैसे अब लोगों में खेल तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता आने लगी है।
इस अवसर पर पाण्डेय ने बुंदेलखंड में खेल प्रतिभाओं को उभारने और ओलंपिक को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के वरिष्ठ सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार श्याम बाबू को प्रदेश ओलंपिक संघ के झांसी मंडल का संयोजक नियुक्त किया। (वार्ता)