इन्दौर–देपालपुर। आधुनिक कुश्ती में प्रत्येक सफल तकनीक पर पहलवानों को अंक दिए जाते हैं, इसलिए कुश्ती खेल को अपनाने से पहले कुश्ती के नियमों को जानना बहुत जरुरी है। कुश्ती के दौरान पहलवान को सावधान रहना चाहिए और अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवान की हर गतिविधि पर ध्यान रखना चाहिए, तभी आप विपक्षी से ज्यादा अंक लेकर जीत पाएंगे। कुश्ती में आक्रामकता के साथ-साथ एकाग्रता का भी होना बहुत जरुरी है।
आधुनिक ओलंपिक शैली की कुश्ती में समय का महत्व बढ़ गया है, एक समय सीमा में आपको प्रदर्शन करना होता है। मैच के दौरान एक सेकंड से भी कम समय में पहलवान योजना बनाकर उसे अंजाम देता है। मैच के दौरान पहलवानों को समय की गणना के साथ-साथ प्रतिद्वंद्वी से प्राप्त की गए और गंवाए गए अंकों की गणना के हिसाब पर भी ध्यान रखना पड़ता है। इस तरह कुश्ती खेल में मैथमेटिक्स भी शामिल है।
उक्त बातें प्रसिद्ध पहलवान और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कोच कृपाशंकर बिश्नोई ने देपालपुर नगर में संचालित हो रहे कुश्ती शिविर के दौरान कही। 'कृपाशंकर पटेल खेलकूद संस्थान' द्वारा क्षेत्र के उभरते पहलवानों को मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से लगाए गए शिविर में बिश्नोई शामिल हुए। इन पहलवानों को अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई व अंतरराष्ट्रीय पहलवान बलराम यादव प्रशिक्षण दे रहे हैं। शिविर में सभी ग्रामीण अंचल के पहलवान भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण दे रहे बिश्नोई ने प्रशिक्षण शिविर की प्रशंसा करते हुए 'कृपाशंकर पटेल खेलकूद संस्थान' के संचालक व भूतपूर्व पहलवान अनिल राठौर को इसका श्रेय दिया व बधाई दी। उन्होंने मीडिया से प्रशिक्षण शिविरों के अनुभव पर भी चर्चा की।
बिश्नोई ने कहा कि ग्रामीण अंचल की छोटी-छोटी बाल महिला पहलवानों को कुश्ती सिखाने का अनुभव जबरदस्त रहा। उनके पास अद्भुत प्रतिभा है, नई तकनीकों को सीखने और ग्रहण करने की क्षमता बहुत बढ़िया है। मैंने उन्हें कलाजंग तकनीक और जवाबी हमले करने के तरीके बताए, उन्होंने प्रशिक्षण सत्र में अद्भुत प्रदर्शन किया है। इन ग्रामीण महिला पहलवानों की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, इससे डाइट का प्रबंधन ठीक से नहीं कर पाती हैं। मगर उसके बाद भी उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आने वाले समय में देपालपुर से निश्चित ही कई पहलवान राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता मैं भाग लेकर देपालपुर व मध्यप्रदेश का नाम देश और विदेश में रोशन करेंगे।
कृपाशंकर से प्रशिक्षण ले रहे पहलवानों का कहना है कि प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कैसे लड़ी जाती है, इस बात का भी मार्गदर्शन दिया गया है।