नई दिल्ली। बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय निलंबित क्रिकेटरों हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के टेलीविजन कार्यक्रम में महिलाओं को लेकर की गई अनुचित टिप्पणी मामले में जल्द सुनवाई चाहते हैं लेकिन डायना इडुल्जी को लग रहा कि ऐसा होने पर मामले में लीपापोती होने की आशंका है।
प्रशासकों की 2 सदस्यीय समिति में इस मामले की जांच के तरीके पर भी मतभेद हैं। पांड्या और राहुल ने टीवी कार्यक्रम 'कॉफी विद करण' में महिलाओं को लेकर अनुचित टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें मामले की जांच जारी रहने तक निलंबित कर दिया गया था। दोनों खिलाड़ियों के शनिवार या फिर रविवार सुबह तक भारत पहुंचने की संभावना है।
इडुल्जी और राय के बीच ई-मेल के जरिए हुई बातचीत में इडुल्जी ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के मामले की शुरुआती जांच करने पर आशंका जताई। इडुल्जी के मुताबिक जौहरी खुद यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे थे और इससे जांच में लीपापोती की जा सकती है। इस ई-मेल की प्रति पीटीआई के पास है।
इडुल्जी के उलट राय चाहते हैं कि मामले की जांच दूसरे एकदिवसीय से पहले पूरी कर ली जाए, क्योंकि इसमें देरी से टीम की मजबूती पर असर पड़ेगा। राय का मानना है कि जांच जल्दी पूरी की जानी चाहिए, क्योंकि टीम में खिलाड़ियों की संख्या 15 से 13 हो गई है।
राय ने लिखा कि हमें दूसरे एकदिवसीय तक फैसला कर लेना चाहिए, क्योंकि हम किसी खिलाड़ी के अशिष्ट व्यवहार से टीम को कमजोर नहीं कर सकते। डडुल्जी ने राय के जल्दी जांच करने की मांग पर कहा कि हमें जांच करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे ऐसा लगेगा कि मामले की लीपापोती की जा रही है।
बीसीसीआई की विधि टीम ने इस मामले में तदर्थ लोकपाल की नियुक्ति की मांग की जबकि राय इसमें न्याय मित्र का विचार जानना चाहते हैं। डडुल्जी चाहती हैं कि सीओए और पदाधिकारी जांच का हिस्सा बनें, क्योंकि सीईओ की मौजूदगी को गलत नजरिए से देखा जाएगा। (भाषा)