पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) का कहना है कि मैंने क्रिकेट की पिच को खून से सींचा है, लेकिन हालात इस कदर बिगड़ गए कि मैं पैसों के लिए मोहताज हूं। सोशल मीडिया पर शोएब अख्तर के एक वीडियो के बाद से ही दानिश सुर्खियों में बने हुए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू होने के कारण उनसे दूसरे क्रिकेटर दूर रहते थे।
अनिल दलपत पाकिस्तान क्रिकेट टीम की तरफ से खेलने वाले पहले हिंदू क्रिकेटर थे। दानिश कनेरिया के वे मामा लगते हैं। शोएब के वीडियो के बाद दानिश को कई बार सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि मुझे लोगों का जो प्यार और समर्थन मिला वह मेरे लिए सबसे ऊपर है, उसे मैं बयां नहीं कर सकता।
पाकिस्तान में हिंदू को लेकर जो पूरा मामला चल रहा है, वो बात मैंने नहीं शोएब अख्तर ने की है। खेल के दोरान मैंने जो सहा, उसको कभी भी क्रिकेट में नहीं आने दिया। आज हालत ये हो गई है कि चैनल वाले मुझे काम नहीं देते और जिनके लिए मैंने काम किया है, उन्होंने मुझे पैसा नहीं दिया। क्या मैं अपने आपको खत्म कर दूं?
दानिश ने कहा कि पाकिस्तान के लिए मैंने 10 साल तक कड़ी मेहनत से क्रिकेट खेली है। मैं रोजाना 30-40 ओवर फेंकता था। मेरी अंगुलियों से खून निकलता था। मैंने ग्राउंड को खून दिया है, लेकिन मुझ पर टेस्ट क्रिकेट का लेवल लगाया गया, जबकि मैंने वनडे टी-20 यहां तक कि काउंटी क्रिकेट भी खेला है।
पूर्व गेंदबाज के अनुसार, मुझ पर साथी क्रिकेटरों को उकसाने का आरोप लगा, जिसे मैंने स्वीकारा भी। यहां तो लोगों ने मुल्क को बेच दिया, पैसे खाए और जेल भी गए, फिर भी टीम में उनका वैलकम हुआ। उन्हें सम्मानित किया गया, उन्हें बड़े-बड़े ओहदे मिले। जिन पर फिक्सिंग के आरोप लगे, वे टीवी चैनलों पर दिखाई देते हैं। मैंने कभी भी मुल्क को नहीं बेचा। मुझे गलत एंगल से पेश किया गया और ये मैं अपने दिल की बात कह रहा हूं।