कराची। स्पॉट फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे पाकिस्तान के टेस्ट लेग स्पिनर दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने यूटर्न ले लिया है। शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने पाकिस्तान क्रिकेट की पोल खोलते हुए एक चैट शो में बताया था कि दानिश को हिंदू होने का खामियाजा भुगतना पड़ा। यहां तक कि ड्रेसिंग रूम में खाना खाते वक्त भी उन्हें जलील किया जाता था।
शोएब के खुलासे के ठीक एक दिन बाद दानिश ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी क्रिकेटर मुझे हिंदू होने के कारण निशाना जरूर बनाते थे लेकिन मैंने कभी भी धर्म बदलने की जरूरत या दबाव महसूस नहीं किया।
दानिश कनेरिया गुरुवार को शोएब अख्तर के उस बयान के बाद चर्चा में आए हैं, जिसमें इस तेज गेंदबाज ने आरोप लगाया था कि कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी धर्म के कारण कनेरिया के साथ भोजन करने से भी इनकार कर देते थे। कनेरिया ने शुक्रवार को ‘समां’ चैनल से कहा कि कुछ खिलाड़ी पीठ पीछे उनको लेकर टिप्पणियां करते थे।
उन्होंने कहा, मैंने कभी इसे मुद्दा नहीं बनाया। मैंने केवल उन्हें नजरअंदाज किया क्योंकि मैं क्रिकेट पर और पाकिस्तान को जीत दिलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता था। कनेरिया ने कहा, मुझे हिन्दू और पाकिस्तानी होने पर गर्व है।
उन्होंने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि पाकिस्तान में हमारे क्रिकेट समुदाय को नकारात्मक तरीके से पेश करने की कोशिश न करें क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मेरा पक्ष लिया और मेरे धर्म के बावजूद मेरा समर्थन किया।
कनेरिया से जब पूर्व बल्लेबाज यूसुफ योहाना (बाद में मोहम्मद यूसुफ) के बारे में पूछा गया जो ईसाई थे लेकिन बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था, उन्होंने कहा कि वह किसी की निजी पसंद पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मोहम्मद यूसुफ ने जो किया यह उनका निजी फैसला था, मुझे कभी धर्म परिवर्तन की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योंकि मेरी इसमें आस्था है और कभी मुझ पर दबाव भी नहीं बनाया गया।
कनेरिया ने अख्तर की टिप्पणी आने के बाद भेदभाव की बात स्वीकार की थी और कहा था कि वह नामों का खुलासा करेंगे लेकिन अब उन्होंने नरम रवैया अपनाया।
उन्होंने कहा, ‘शोएब भाई ने जो कहा, उन्होंने उसे सुना होगा या किसी ने उन्हें बताया होगा लेकिन मैंने शीर्ष स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है और मुझे उस पर गर्व है। जब मैं क्रिकेट में आया तो मैं शुरू से ही शीर्ष स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना चाहता था और मैंने ऐसा किया।'
अपने करियर में 61 टेस्ट खेलने वाले इस लेग स्पिनर ने स्पष्ट किया कि पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने हमेशा उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘इंजमाम ने मुझे मैच विजेता कहा था। मैं कह सकता हूं कि कई संस्थानों ने मेरे करियर को संवारने में मेरी मदद की। मैंने इंजमाम को सही साबित करने के लिये हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सच्चाई यह है कि मुझे पाकिस्तानी होने पर गर्व है।'
कनेरिया से जब उन खिलाड़ियों के नाम बताने के लिए कहा गया, जिन्होंने उन्हें निशाना बनाया, तो उन्होंने कहा कि वह अपने यू-ट्यूब चैनल पर बाद में इन नामों का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा, यह उसके लिये सही वक्त नहीं है। मैं अपने चैनल पर इस संबंध में बात करूंगा।
कनेरिया से जब उस घटना के बारे में बताने के लिए कहा गया जब खिलाड़ियों ने उनके साथ खाने से इनकार कर दिया था, उन्होंने कहा, पाकिस्तान मेरी जन्मभूमि है और कुछ खिलाड़ियों के व्यवहार के कारण किसी को इस मसले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। मैं सभी से आग्रह करूंगा कि इसे गलत दिशा नहीं दें।