-सीमान्त सुवीर
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर एक के बाद एक धमाकेदार पारियां खेलने वाले सूरमा बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा मिडिल ऑर्डर में टीम इंडिया की 'बैकबोन' बनकर कीर्तिमान पर कीर्तिमान रच रहे हैं। सिडनी में चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम के आगे चस्पा किया। 4 टेस्ट मैचों में उन्होंने 1258 गेंद खेलकर एक नया रिकॉर्ड क्रिकेट पुस्तिका में दर्ज कर डाला।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पस्त : इस सीरीज में पहले, तीसरे और चौथे टेस्ट में पुजारा के शतक इस बात के गवाह हैं कि वे किस तरह ऑस्ट्रेलियाई तेज व स्पिन आक्रमण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पर्थ के दूसरे टेस्ट को छोड़ दिया जाए तो शेष 3 टेस्ट मैचों में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट हासिल करने के लिए काफी रुलाया है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उन्हें पैवेलियन भेजने के लिए काफी पस्त भी नजर आए।
पुजारा ने तोड़ा राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड : धैर्य और संयम से विकेट पर खूंटा गाड़कर खड़े रहने वाले भारत के इस धुरंधर बल्लेबाज ने अब तक 3 करारे शतक जमाए हैं। यही नहीं, 4 टेस्ट मैचों में पुजारा ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अब तक कुल 1258 गेंदें खेलकर एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित करते हुए टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के 1203 गेंद खेलने के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया। अब ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा गेंद खेलने के मामले में पुजारा से आगे सिर्फ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलेस्टेयर कुक हैं जिन्होंने 1438 गेंदें खेली हैं।
रिकॉर्ड समय बिताया विकेट पर : रिकॉर्ड का दूसरा पर्याय बन चुके पुजारा ने यहीं तक अपने आपको सीमित नहीं रखा, अलबत्ता ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर विकेट पर सबसे ज्यादा वक्त गुजारने के मामले में भी वे भारत के नंबर एक बल्लेबाज बन गए हैं। पुजारा ने अब तक रिकॉर्ड 1868 मिनट बिताए हैं जबकि उनसे पूर्व 1971 में विंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सुनील मनोहर गावस्कर ने कुल 1978 मिनट का वक्त विकेट पर बिताया था।
रनों का एवरेस्ट खड़ा करने में अहम भूमिका : चौथे टेस्ट के पहले 2 दिन पुजारा के नाम रहे जिन्होंने 373 गेंदों का सामना करने के बाद 193 रन बनाए। भले ही वे 7 रन से दोहरा शतक चूके लेकिन उन्होंने टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 622 रनों तक पहुंचाने में अहम किरदार निभाया। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन ने पुजारा का विकेट हासिल करने के लिए 7 गेंदबाजों मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, नाथन लियोन, मार्नस लैब्यूसचैंग, ट्रेविड हेड और उस्मान ख्वाजा तक को मोर्चे पर लगाया। सफलता केवल लियोन को मिली जिन्होंने अपनी ही गेंद पर पुजारा का कैच लपका।
फ्लैट विकेट से गेंदबाज हताश : ऐसी बात नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर है। असल में सिडनी के फ्लैट विकेट पर गेंदबाजों को कोई कामयाबी नहीं मिल रही है। गेंदबाज करीब 2 दिन की गेंदबाजी में पूरी तरह पस्त और हताश हो चुके हैं। जिन तेज विकेटों पर उछाल की वजह से ऑस्ट्रेलिया नाज किया करता था, वे तेज गर्मी के कारण पूरी तरह बदले नजर आ रहे हैं। पुजारा इसलिए इस दौरे में कामयाब हो रहे हैं, क्योंकि उनका फुटवर्क और शॉट सिलेक्शन सही है।
पुजारा के 3 शतक ऐसे बने : चेतेश्वर पुजारा ने एडिलेट में पहले टेस्ट में पहली पारी में 123 रन बनाए। दूसरी पारी में वे 71 रन बनाने में सफल रहे। पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में पुजारा का बल्ला भले ही खामोश रहा लेकिन मेलबोर्न में तीसरे टेस्ट में उन्होंने 102 रनों की पारी खेली। सिडनी में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में पुजारा छाए रहे और उन्होंने 193 रनों की मैराथन पारी खेलकर दौरे में तीसरा शतक पूरा किया।
अब आगे क्या? : सिडनी टेस्ट में 2 दिन में केवल 7 विकेट गिरे हैं और रन बने कुल 646। ऑस्ट्रेलिया तीसरे दिन जब मैदान पर उतरेगा, तब उसकी कोशिश किसी तरह मैच बचाने की होगी। यदि वह मैच को ड्रॉ भी करवाता है, तो ऐसी सूरत में विराट की यंगिस्तान सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लेगी। फिलहाल भारत ड्राइविंग सीट पर है। यदि दोपहर बाद विकेट टूटता है तो ऐसे में रवीन्द्र जड़ेजा और कुलदीप यादव तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल का पहला सत्र भी दबावपूर्ण रहने वाला है।