-सीमान्त सुवीर
भारतीय क्रिकेट में सिर्फ राहुल द्रविड़ ही ऐसे क्रिकेटर रहे हैं, जिन्हें 'दीवार' की उपमा से नवाजा गया है। राहुल का जन्म इंदौर में 11 जनवरी 1973 को हुआ था लेकिन बाद में उनके पिता बेंगलुरु शिफ्ट हो गए थे और वहीं पर उन्होंने क्रिकेट के गुर सीखकर अपनी प्रतिभा को निखारा। भारत के लिए द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 13288 रन (36 शतक, 63 अर्द्धशतक) और 344 वनडे में 10889 रन (12 शतक, 83 अर्द्धशतक) बनाए।
राहुल द्रविड़ के 2012 में टेस्ट और 2011 में वनडे से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया में नंबर तीन पर ऐसा एक भी बल्लेबाज नहीं आया, जो 'दीवार' बनकर भारतीय टीम की ढहती हुई पारी को संभाल सके, लेकिन अब ऐसा लगता है कि वो कमी दूर हो गई है। चेतेश्वर पुजारा के रूप में टीम इंडिया को एक भरोसेमंद बल्लेबाज मिल गया है। ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान दौरे में पुजारा न केवल दीवार बनकर खड़े हैं, बल्कि उनके बेहतरीन शतकों की मदद से भारत ने जीत का स्वाद भी चखा।
इस महीने की शुरुआत में जब भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा शुरू हुआ था, तभी से क्रिकेट पंडितों को यह बात परेशान कर रही थी कि उछाल भरे विकेट पर ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज कहर बनकर टूट पड़ेंगे। हालांकि एडिलेड में पहले टेस्ट मैच से ही साफ हो गया कि यहां पर टीम इंडिया भी कमाल कर सकती है। भारत ने पहला टेस्ट रोमांचक स्थिति में 31 रनों से जीता। इस टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में 123 व दूसरी पारी में 71 रन ठोंके।
दूसरा टेस्ट पर्थ में था, जहां ऑस्ट्रेलिया 146 रनों से जीत दर्ज करके चार मैचों की सीरीज को 1-1 की बराबरी पर लाने में सफल रहा। दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में चेतेश्वर पुजारा का बल्ला नहीं चला और वे क्रमश: 24 और 4 रन के स्कोर पर पैवेलियन लौटे। पुजारा के बल्ले की खामोशी की वजह से भारत चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा नहीं कर पाया।
मेलबोर्न में तीसरे टेस्ट में पुजारा ने पहली पारी में शानदार शतक (103) जड़ा जबकि दूसरी पारी में वे बगैर खाता खोले आउट हुए। जसप्रीत बुमराह की बेहतरीन गेंदबाजी के बलबूते पर भारत ने न केवल 137 रनों से टेस्ट जीता बल्कि सीरीज में 2-1 की अग्रता भी हासिल कर ली। टीम इंडिया की इस जीत ने ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसकों को हैरत में डाल दिया। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कमेंटेटर भी आपा खोते नजर आए। उन्हें भारत की जीत हजम ही नहीं हो रही थी।
सिडनी में गुरुवार से चौथे टेस्ट के पहले ही दिन चेतेश्वर पुजारा ने नाबाद शतक (130) ठोंक डाला। सीरीज में यह उनका तीसरा शतक है। वन डाउन उतरकर पुजारा ने 'दीवार' बनकर भारतीय पारी को संवारा और स्कोर को 300 के पार पहुंचाया। पुजारा की विश्वास भरी पारी से लगने लगा है कि यह बल्लेबाज राहुल द्रविड़ का खाली स्थान भर देगा। मौजूदा दौरे में भारत ने जो दोनों टेस्ट मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद जीते हैं, उसमें पुजारा की अहम भूमिका रही है।
चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन पुजारा ने 130 रनों की पारी में 250 गेंदों का सामना किया है। दिन का खेल खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज लियोन नाथन ने पुजारा से पूछा कि टी20 के जमाने में आपने 250 गेंद खेल डाली, बोर तो नहीं हुए? इस पर पुजारा सिर्फ हंसकर रह गए। उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
वैसे सिडनी का विकेट दूसरे विकेटों से बिलकुल अलग है। यह पहला मौका है जब सीरीज के पहले ही दिन 300 से ज्यादा रन बने। यही नहीं, प्रति ओवर रन औसत भी अच्छा रहा। भारत इस मैच में 2 स्पिनरों कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के साथ मैदान में उतरा है, जो इस विकेट के मद्देनजर निर्णायक साबित होगा।