नई दिल्ली। कर्नाटक की नई औद्योगिक नीति से राज्य में 2023 तक मोबाइल उत्पादन मूल्य के हिसाब से 30,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच जाएगा और 1.2 लाख नए रोजगार सृजित होंगे। मोबाइल हैंडसेट और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के संगठन आईसीईए ने रविवार को यह कहा।
कर्नाटक सरकार ने अगस्त में नई औद्योगिक नीति (एनआईपी) 2020-25 पेश की। इसमें मोबाइल विनिर्माण को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है।
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा कि 5 साल की नीति अवधि के दौरान उत्पादन से संबंधित सालाना कारोबार का एक प्रतिशत प्रोत्साहन जैसी विशिष्ट नीतिगत पहल स्वागतयोग्य है और साहसिक कदम है।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेन्द्रू ने कहा कि हमें भरोसा है कि इस प्रकार की पहल से ईएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र को गति मिलेगी। देश में मोबाइल उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी फिलहाल 1 से 1.5 प्रतिशत (2,500 करोड़ रुपए) है। इसके 2023 तक 7 प्रतिशत या 30,000 करोड़ रुपए के ऊपर पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे 2023 तक 1.2 लाख नौकरियों का भी सृजन होगा।
नई औद्योगिक नीति में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क की अदायगी का प्रावधान है। इसके अलावा भूमि रूपांरतण शुल्क, बिजली शुल्क की वापसी और विद्युत शुल्क से छूट का प्रावधान किया गया है।
आईसीईए के श्रम और मानव संसाधन समिति के चेयरमैन और विस्ट्रोन इंडिया के प्रबंध निदेशक सुदिप्तो गुप्ता ने कहा कि कर्नाटक सरकार की नई औद्योगिक नीति 2020-25 काफी सकारात्मक नीति है। यह कई महत्वपूर्ण श्रम सुधारों से जुड़े मुद्दों का समाधान करती है।
इसमें महिला कर्मचारियों के लिये काम के लेकर समय पाली, ओवरटाइम घंटे आदि शामिल हैं। इन उपायों से कर्नाटक देश में कारोबार सुगमता के मामले में अगुवा होगा। (भाषा)