नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त काम करने के लिए बैंक कर्मचारियों को मुआवजा दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने 28 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है जिसका कल बैंकों के कामकाज पर असर पड़ सकता है।
हालांकि निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक में कामकाज सामान्य रहने की उम्मीद है। केवल चेक क्लीयरेंस में कुछ देरी हो सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि यदि हड़ताल होती है तो उनकी शाखाओं में कामकाज प्रभावित हो सकता है।
हालांकि यूएफबीयू में शामिल दो बैंक यूनियनों नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं। इन संगठनों ने इस हड़ताल को राजनीति से प्रभावित कदम बताया है। इन संगठनों का कहना है कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं है इसलिए इसे यूएफबीयू की हड़ताल कहना सरासर गलत है।
ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव हरविंदर सिंह ने कहा कि हड़ताल का कार्यक्रम जारी है क्योंकि बैंक प्रबंधन विशेष तौर से भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की तरफ से इसे स्थगित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त ने बैंक प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के बीच 21 फरवरी को एक सहमति बैठक कराई थी, लेकिन इसमें बैंक प्रबंधन के अड़ियल रुख के कारण बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। (भाषा)