नई दिल्ली। जेट एयरवेज के बाद अब पवनहंस की माली हालत खस्ता हो रही है। खबरों के अनुसार कंपनी के पास कर्मचारियों के पास सैलरी देने के पैसे नहीं बचे हैं।
किंगफिशर और जेट एयरवेज के बाद अब पवनहंस कंपनी हेलीकॉप्टर कंपनी संकट में है। खबरों के मुताबिक इस कंपनी के पास कर्मचारियों को देने तक के पैसे नहीं बचे हैं। पवनहंस को 2018-19 में करीब 89 करोड़ का घाटा हुआ। करोड़ों का कर्ज भी है।
जानकारों के मुताबिक कंपनी की माली हालत खराब होने में रोहिणी हेलीपोर्ट पर लगाए गए करीब 125 करोड़ रुपए भी बड़ा कारण रहे। हेलीपोर्ट शुरुआत में कुछ दिन चला, फिर उसे शटडाउन कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इससे एक रुपए की भी कमाई नहीं हो ही है। सैलरी नहीं मिलने के कारण कर्मचारी अपने बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं।
कंपनी उठा रही है जरूरी कदम : पवनहंस हेलीकॉप्टर को बचाने के लिए कंपनी कई जरूरी बदलाव करने में लगी हुई है। कंपनी को बचाने के लिए लागत में कटौती भी शुरू कर दी गई है। साथ ही कंपनी ने ओवरटाइम को बंद करने की घोषणा भी कर दी है।