Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या धीमी पड़ रह है भारतीय अर्थव्यवस्था की गति?

हमें फॉलो करें क्या धीमी पड़ रह है भारतीय अर्थव्यवस्था की गति?
, रविवार, 19 मार्च 2023 (08:03 IST)
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारत विकास कर रहा है, लेकिन क्रमिक तिमाही वृद्धि दर गिर रही है और अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ रही है। चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गरीबों और अत्यंत गरीबों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया। हालांकि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य नीलकंठ मिश्रा इसका खंडन करते हुए जीडीपी के तिमाही आंकड़ों को ही गलत बता दिया।
 
चिदंबरम ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा कि वास्तविकता यह है कि हम बढ़ रहे हैं, लेकिन तिमाही दर तिमाही विकास या क्रमिक तिमाही वृद्धि घट रही है। पहली तिमाही में 13.2 प्रतिशत, दूसरी में 6.3 प्रतिशत, तीसरी में 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में मेरा अनुमान इसके 4.1 प्रतिशत और 4.3 प्रतिशत के बीच रहने का है। उन्होंने कहा कि इसलिए, यह गिरती तिमाही विकास दर है, जिसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंद हो रही है।
 
webdunia
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत के तेजी से बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहने में कोई शेखी नहीं है कि मैं अंधों का काना राजा हूं। उन्होंने कहा कि चीन भारत से साढ़े पांच गुना बड़ा है। इसलिए प्रासंगिक संख्या प्रति व्यक्ति आय है और प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से हम अब भी एक बहुत गरीब देश हैं।
 
चिदंबरम ने कहा कि महामारी के दौरान राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं देकर सरकार ने गलत किया था। इसलिए तीन करोड़ लोगों को दूसरे शहरों और राज्यों से बिहार एवं उत्तर प्रदेश वापस जाना पड़ा था।
 
यह पूछे जाने पर कि वह कौन सी एक चीज होगी, जिसके लिए वह मोदी सरकार को श्रेय देंगे, चिदंबरम ने कहा कि वह इस सरकार को घाटे और ऋण प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए श्रेय देंगे। उन्होंने कहा कि इतनी ऊर्जा, कर्मशक्ति और अपनी पार्टी पर नियंत्रण रखने वाला एक प्रधानमंत्री बहुत अधिक (कार्य) कर सकता है।
 
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि अभी जो अत्यंत महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि इस वैश्विक वित्तीय उथल-पुथल में यदि भारत को एक स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाए तो यह विदेशी निवेशकों, विदेशी कंपनियों को आकर्षित करना जारी रखेगा, जो कौशल और प्रौद्योगिकी ला सकता है। मिश्रा ने यह भी तर्क दिया कि तिमाही जीडीपी आंकड़े बेहद गलत हैं। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

6.7 तीव्रता वाले भूकंप से थर्राया इक्वाडोर, 12 लोगों की मौत, जानिए कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता