साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के बाद यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या भारतीय नोटों की छपाई चीन में होती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की रिपोर्ट के मुताबिक हाल के वर्षों में चीन को कई बाहरी देशों के नोट छापने का काम मिल रहा है। इन देशों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, ब्राजील और पोलैंड के नाम शामिल हैं।
चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ल्यू गिशेंग की मानें तो हाल के वर्षों तक चीन विदेशी नोट नहीं छाप रहा था लेकिन अब यह काम शुरू कर दिया गया है। साल 2013 में बेल्ट एंड रोड प्लान शुरू होने के बाद बाहरी देशों से अच्छा-खासा ऑर्डर मिल रहा है। बेल्ट एंड रोड योजना के तहत चीन दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी, अफ्रीका और यूरोप के जमीनी और समुद्री रूटों को जोड़कर एक विशाल नेटवर्क खड़ा कर रहा है।
इस योजना के शुरू होने के बाद चीन को इन देशों से नोट छपाई का ऑर्डर मिलना शुरू हो गया है। चीन अब थाइलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, भारत, ब्राजील और पोलैंड में करेंसी उत्पादन के कई प्रोजेक्ट चला रहा है। कुछ देशों ने चीन से आग्रह किया है कि उनकी करंसी छपाई के ऑर्डर का खुलासा न हो, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है या देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
शशि थरूर ने उठाया सवाल : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और पीयूष गोयल को टैग करते हुए ट्वीट किया कि 'अगर यह सच है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर घातक असर हो सकता है। पाकिस्तान के लिए इसकी नकल करना और आसान हो जाएगा। पीयूष गोयल और अरुण जेटली, कृपया स्पष्ट करें।'
इस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बैंक नोट प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन के प्रजिडेंट लियू गुशेंग के 1 मई के साक्षात्कार का हवाला दिया है। गुशेंग ने साक्षात्कार में बताया था कि साल 2013 से चीन में विदेशी नोटों की छपाई का काम शुरू हुआ और अब यहां की प्रिटिंग प्रेसों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलयेशिया, थाइलैंड, ब्राजील, पोलैंड समेत कई देशों के नोट छापे जाते हैं।