नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा है कि सरकार विमान ईधन (ATF ) के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिए किराए की सीमा का फिर से आकलन करेगी। कोरोना महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर विपरीत असर हुआ है। मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराए को लेकर सीमा लगाई है। देश में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से ऊपर बनी हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाल के महीनों में एटीएफ के दाम में तेजी रही है।
एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि आज की स्थिति के अनुसार एयरलाइन के किराए की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है। उन्होंने कहा कि 'मैं चीजें स्थिर होते देख रहा हूं और एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर से आकलन करेंगे।'
सिंधिया ने मई में कहा था कि किराया सीमा ने न केवल हवाई यात्रियों के लिए बल्कि विमानन कंपनियों के लिए भी संरक्षक का काम किया है। उन्होंने कहा कि 'एक एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है। ऐसे में एटीएफ के 53,000 रुपए प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होने से उसके असर को समझा जा सकता है। इसीलिए, संरचनात्मक नजरिए से उनके समक्ष चुनौतियां हैं।'
सिंधिया ने कहा कि मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर 1 से 4 प्रतिशत कर दिया है।