वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां छटवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : यह घर बुध और केतु का माना गया है जो एक दूसरे के शत्रु हैं लेकिन शुक्र दोनों का मित्र है। इस घर में शुक्र नीच का होता है लेकिन पत्नी को खुश रखने से बुरा असर नहीं होता है। इस खाने में स्थित शुक्र शत्रुता बढ़ाता है। यदि छटवें खाने में शुक्र है तो ऐसा व्यक्ति यदि अपनी शिक्षा के अनुसार काम के अलावा कोई अजीब-सा कार्य करें तो धन-दौलत में बरकत होगी। शुक्र छठे का जातक कुसंगत के कारण गलत कार्यों में धन व्यव करता है। इसीके चलते ऐसा जातक स्त्री सुखहीन, दुराचार, बहुमूत्र रोगी, दुखी तथा गुप्त होता है। जातक की पत्नी को पुरुषों के जैसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए और न ही पुरुषों के जैसे बाल रखने चाहिए अन्यथा गरीबी बढ़ती है। ऐसे जातक को उसी से विवाह करना चाहिए जिसके भाई हों।
शुक्र की सावधानियां :
1. कुसंगत से बच कर रहें।
2. शराब आदि बुरे व्यवसनों से दूर रहें।
3. बुरी महिलाओं के संपर्क में न रहें।
4. जातक कोई भी काम पूरा किए बिना बीच में नहीं छोड़ें।
5. पत्नी को कभी नंगे पांव जमीन पर न चलने दें।
क्या करें :
1. निजी अंगों को लाल दवा से धोएं।
2. साफ-सफाई का ध्यान रखें।
3. गाय को हरा चारा खिलाते रहें।
4. माता लक्ष्मी के मंदिर में शुक्रवार को कमल का फूल अर्पित करें। हो सकते तो शुक्रवार कर व्रत रखें।
5. पत्नी के बालों में सोने की हेयर क्लिप का उपयोग करवाएं। पत्नी को शान और इज्जत से रखें।