Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राहु यदि है दूसरे भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

हमें फॉलो करें राहु यदि है दूसरे भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी

, शुक्रवार, 19 जून 2020 (10:55 IST)
कुण्डली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं जो सामान्यतः आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। कुण्डली में राहु यदि कन्या राशि में है तो राहु अपनी स्वराशि का माना जाता है। यदि राहु कर्क राशि में है तब वह अपनी मूलत्रिकोण राशि में माना जाता है। कुण्डली में राहु यदि वृष राशि मे स्थित है तब यह राहु की उच्च स्थिति होगी। मतान्तर से राहु को मिथुन राशि में भी उच्च का माना जाता है। कुण्डली में राहु वृश्चिक राशि में स्थित है तब वह अपनी नीच राशि में कहलाएगा। मतान्तर से राहु को धनु राशि में नीच का माना जाता है। लेकिन यहां राहु के दूसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें, जानिए।
 
कैसा होगा जातक : महावत का हाथी। गुरु के हुक्म पर चलने वाला। अर्थात जैसा बृहस्पति होगा वैसा राहु का फल होगा। जीवन में परिवर्तनों का दौर चलता रहेगा, लेकिन सेहतमंद होगा।
 
दूसरा भाव बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति शुभ हो तो जातक अपनी प्रारंभिक अवस्था में धन से युक्त व आराम भरी जिन्दगी जीता है। दूसरे घर का राहु यदि शुभ है तो जातक दीर्घायु होकर पैसा एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करता है और किसी राजा की तरह जीवन जीता है। यदि राहु नीच का हो तो जातक निर्धन होता है, उसका पारिवारिक जीवन कष्टमय रहता है। वह पेट के विकारों से ग्रस्त रहता है। जातक पैसे बचाने में असमर्थ होता है और उसकी मृत्यु किसी हथियार से होने की संभावना रहती है। उसके जीवन के दसवें, इक्कीसवें और बयालीसवें वर्ष में चोरी आदि माध्यमों से उसका धन खोने की संभावना रहती है।
 
5 सावधानियां :
1. ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें।
2. झूठ ना बोलें।
3. माता का अपमान न करें।
4. शादी के बाद ससुराल वालों से कोई बिजली का उपकरण न लें।
5. नाखून मजबूत तो राहु शुभ माना जाएगा फिर भी उपाय जरूर करें।
 
क्या करें : 
1. गुरु और शुक्र के उपाय करें।
2. चांदी की एक ठोस गोली अपनी जेब में रखें।
3. पीपल के पेड़ में गुरुवार को जल चढाएं।
4. मां के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखें।
5. बृहस्पति से सम्बंधित चीजें जैसे सोना, पीले कपड़े और केसर आदि उपयोग में लाएं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 18 June Episode 47 : दैत्यराज बली से वामन भगवान ने जब मांगी तीन पग भूमि