What is time machine : टाइम मशीन से ट्रैवल करने का संबंध गति से है। समय की सीमाएं लांघकर अतीत और भविष्य में पहुंचने की परिकल्पना तो मनुष्य करता रहा है। बच्चों का कार्टून डोरेमोन अपने गैजेट्स के माध्यम से खुद भी टाइम ट्रैवल करता है और नोबिता, शिजुका, जियान और सुनियो को भी टाम ट्रैवल कराता रहता है। क्या सच में टाइम ट्रैवल होता है और क्या है इसकी थ्योरी?
क्या इंसान ने किया है टाइम ट्रैवल?
कहां से उपजी टाइम ट्रैवल की कल्पना : इंग्लैंड के मशहूर लेखक हर्बट जार्ज वेल्स ने 1895 में 'द टाइम मशीन' नामक एक उपन्यास प्रकाशित किया, तो समूचे योरप में तहलका मच गया। इस उपन्यास में वेल्स ने 'टाइम मशीन' की अद्भुत कल्पना की। यह उनकी कल्पना का एक ऐसा आविष्कार था, जिसे विश्व भर में विज्ञान लेखक आज तक उपयोग कर रहे हैं। उपन्यास से प्रेरित होकर इस विषय पर और भी कई तरह के कथा साहित्य रचे गए। इस कॉन्सेप्ट पर हॉलीवुड में एक फिल्म भी बनी। हालांकि वेल्स के उपन्यास में व्यावहारिक रूप से कई विसंगतियां है। उल्लेखनीय है कि हिन्दू पुराणों में टाइम ट्रैवल को लेकर कई कथाएं पढ़ने को मिलती है।
टाइम ट्रैवल कल्पना या हकीकत : टाइम ट्रैवल अभी एक कल्पना है। टाइम ट्रैवल और टाइम मशीन, यह एक ऐसे उपकरण की कल्पना है जिसमें बैठकर कोई भी मनुष्य भूतकाल या भविष्य के किसी भी समय में सशरीर अपनी पूरी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं के साथ जा सकता है। अधिकतर वैज्ञानिक मानते हैं कि यह कल्पना ही रहेगी कभी हकीकत नहीं बन सकती, क्योंकि यह अतार्किक बात है कि कोई कैसे अतीत में या भविष्य में जाकर अतीत या भविष्य के सच को जान कर उसे बदल दे। जैसे कोई भविष्य में से आकर आपसे कहे कि वह आपका पोता है या अतीत में से आकर कहे कि वह आपका परदादा है, जो यह संभव नहीं है।
कैसे हो सकता है टाइम ट्रैवल : वैज्ञानिक कहते हैं कि दरअसल, जो घटना घट चुकी है उसका दृश्य और साउंड ब्रह्मांड में मौजूद जरूर रहेगा। जिस तरह आप एक फिल्म देखते हैं उसी तरह वह टाइम मशीन के द्वारा दिखाई देगा। आप उसमें कुछ भी बदलाव नहीं कर सकते। यदि ऐसा करने गए तो वह पार्टिकल्स बिखरकर और अस्पष्ट हो जाएंगे। दूसरा यह कि आप टाइम ट्रैवल से जो घटना नहीं घटी है, लेकिन जो घटने वाली है उसे भी देख सकते हैं, क्योंकि सभी कार्य और कारण की श्रृखंला में बंधे हुए हैं। हालांकि विद्वान यह भी मानते हैं कि भविष्य को जानकर वर्तमान में कुछ सुधारकर भविष्य को बदला जा सकता है, लेकिन अतीत को नहीं।
क्या है टाइम ट्रैवल की थ्योरी :-
पहले यह माना जाता था कि समय निरपेक्ष और सार्वभौम है अर्थात सभी के लिए समान है यानी यदि धरती पर 10 बज रहे हैं तो क्या यह मानें कि मंगल ग्रह पर भी 10 ही बज रहे होंगे? लेकिन आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत के अनुसार ऐसा नहीं है। समय की धारणा अलग-अलग है।
आइंस्टीन ने कहा कि दो घटनाओं के बीच का मापा गया समय इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें देखने वाला किस गति से जा रहा है। मान लीजिए की दो जुड़वां भाई हैं- A और B। एक अत्यंत तीव्र गति के अंतरिक्ष यान से किसी ग्रह पर जाता है और कुछ समय बाद पृथ्वी पर लौट आता है जबकि B घर पर ही रहता है। A के लिए यह सफर हो सकता है 1 वर्ष का रहा हो, लेकिन जब वह पृथ्वी पर लौटता है तो 10 साल बीत चुके होते हैं। उसका भाई B अब 9 वर्ष बड़ा हो चुका है, जबकि दोनों का जन्म एक ही दिन हुआ था। यानी A 10 साल भविष्य में पहुंच गया है। अब वहां पहुंचकर वह वहीं से धरती पर चल रही घटना को देखता है तो वह अतीत को देख रहा होता है।
जैसे एक गोली छूट गई लेकिन यदि आपको उसको देखना है तो उस गोली से भी तेज गति से आगे जाकर उसे क्रॉस करना होगा और फिर पलटकर उसको देखना होगा तभी वह तुम्हें दिखाई देगी। इसी तरह ब्रह्मांड में कई आवाजें, चित्र और घटनाएं जो घटित हो चुकी हैं वे फैलती जा रही हैं। वे जहां तक पहुंच गई हैं वहां पहुंचकर उनको पकड़कर सुना होगा।
यदि ऐसा हुआ तो...? कुछ ब्रह्मांडीय किरणें प्रकाश की गति से चलती हैं। उन्हें एक आकाशगंगा पार करने में कुछ क्षण लगते हैं लेकिन पृथ्वी के समय के हिसाब से ये दसियों हजार वर्ष हुए।
भौतिकशास्त्र की दृष्टि से यह सत्य है लेकिन अभी तक ऐसी कोई टाइम मशीन नहीं बनी जिससे हम अतीत या भविष्य में पहुंच सकें। यदि ऐसे हो गया तो बहुत बड़ी क्रांति हो जाएगी। मानव जहां खुद की उम्र बढ़ाने में सक्षम होगा वहीं वह भविष्य को बदलना भी सीख जाएगा। इतिहास फिर से लिखा जाएगा।
एक और उदाहारण से समझें। आप कार ड्राइव कर रहे हैं आपको पता नहीं है कि 10 किलोमीटर आगे जाकर रास्ता बंद है और वहां एक बड़ा-सा गड्डा है, जो अचानक से दिखाई नहीं देता। आपकी कार तेज गति से चल रही है। अब आप सोचिए कि आपके साथ क्या होने वाला है? लेकिन एक व्यक्ति हेलीकॉप्टर में बैठा है और उसे यह सब कुछ दिखाई दे रहा है अर्थात यह कि वह आपका भविष्य देख रहा है। यदि आपको किसी तकनीक से पता चल जाए कि आगे एक गड्ढा है तो आप बच जाएंगे। भारत का ज्योतिष भी यही करता है कि वह आपको गड्ढे की जानकारी दे देता है।
लेकिन एक अतार्किक उदाहरण भी दिया जा सकता है, जैसे कि एक व्यक्ति विवाह करने से पहले अपने पुत्र को देखने जाता है टाइम मशीन से। वहां जाकर उसे पता चलता है कि उनका पुत्र तो जेल के अंदर देशद्रोह के मामले में सजा काट रहा है तो... तब वह दो काम कर सकता है या तो वह किसी अन्य महिला से विवाह करे या विवाह करने का विचार ही त्याग दे।