घर पर मातृभाषा बोलने वाले बच्चे होते हैं मेधावी

Webdunia
शुक्रवार, 24 अगस्त 2018 (14:08 IST)
प्रतीकात्मक चित्र
लंदन। विदेश में रहने वाले बच्चे जो अपने घर में परिवार वालों के साथ मातृभाषा में बात करते हैं और बाहर दूसरी भाषा बोलते हैं, वह ज्यादा अक्लमंद होते हैं। एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है।
 
 
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि जोबच्चे स्कूल में अलग भाषा बोलते हैं और परिवार वालों के साथ घर में अलग भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वे बुद्धिमत्ता जांच में उन बच्चों के मुकाबले अच्छे अंक लाए जो सिर्फ गैर मातृभाषा जानते हैं। 
 
 
इस अध्ययन में ब्रिटेन में रहने वाले तुर्की के सात से 11 साल के 100 बच्चों को शामिल किया गया। इस आईक्यू जांच में दो भाषा बोलने वाले बच्चों का मुकाबला ऐसे बच्चों के साथ किया गया जो सिर्फ अंग्रेजी बोलते हैं। (भाषा)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

बैठक के दौरान जब CM योगी ने पूछा, कहां हैं पूर्व सांसद लल्लू सिंह?

सभी देखें

नवीनतम

सूरत के पास ट्रेन को ट्रेक से उतारने की साजिश, खोलकर फेंक दी फिश प्लेट

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा, शिखर सम्मेलन में भारत में हुए विकास से जुड़ी बातें करेंगे साझा

Supreme Court के यूट्यूब चैनल पर सेवाएं बहाल, वेबसाइट पर पोस्ट नोटिस में दी जानकारी

आतिशी आज लेंगी CM पद की शपथ, 2019 की केजरीवाल कैबिनेट से कितना अलग होगा नया मंत्रिमंडल?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल बनेंगे किंगमेकर?

अगला लेख
More