Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मजेदार कविता : साठ साल में सीखा मैंने

हमें फॉलो करें मजेदार कविता : साठ साल में सीखा मैंने
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

साठ साल में सीखा मैंने,
रामायण गीता पढ़ना।
 
पोते लखनलाल से सीखा,
है क ख ग घ लिखना।
घंटे भर का समय बहू ने,
दिया पढ़ाने में अपना।
सिखा दिया छोटी पोती ने,
गिनती माला में जपना।
 
साग सब्ज़ियां लेती हूं तो,
पैसे गिनकर देती हूं।
तोल मोल के बोल हमेशा,
खूब समझ मैं लेती हूं।
कोई मुझको ठग पाए यह,
तब से नहीं हुई घटना।
 
बेटों ने भी डिनर लंच का,
मतलब मुझको समझाया।
शाला जब बच्चे जाते तो,
बाय बाय कहना आया।
हुई निरक्षर से साक्षर मैं,
मेरा हुआ सफल सपना।

 
कविता कथा कहानी मैं,
पुस्तक अब पढ़ लेती हूं।
बच्चों से क्या प्रश्न पूछना,
यह भी मैं गढ़ लेती हूं।
बच्चों की हा- हा, ही- ही में,
सीखा मस्ती में हंसना।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आम चुनाव 2019 : सत्ता मौन, विपक्ष कौन और मुद्दे गौण