-डॉ. लीला मोदी
कितना जल्दी भागा आता
बच्चों का त्योहार
सूरज बाबा ने दिया है...
हमको यह उपहार
ना तो सुबह, सुबह ही उठना
ना ही बस्ता जमाना
भारी-भरकम मोटा बस्ता
कंधे नहीं उठाना
पानी की बोतल भरकर के
गले नहीं लटकाना
मुड़ा-तुड़ा ठंडा पराठा
आज नहीं है खाना
भागा-भागा मिलने आता
हमसे ये त्योहार
सूरज बाबा ने दिया है...
हमको यह उपहार
खीर-पूड़ी की मीठी खुशबू
लार टपकती आती
गोदी में बैठा के माता
अपने हाथ खिलाती
बैठ कार में पिकनिक जाते
बन ठनकर महाराजा
खेले-कूदे भरे चौकड़ी
खुशी का बजता बाजा
पूरा जग ही खुशी मनावे
यह है रविवार
छ: दिन के पीछे आ जाता
मिलने ये त्योहार
सूरज बाबा ने दिया है...
हमको यह उपहार।
साभार - देवपुत्र