कविता: चना चंद की नाक

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
गेहूं सिंह ने चना चंद के,
कान पकड़कर खींचे।
धक्का खाकर चना चंदजी,
गिरे धम्म से नीचे।
 
टेढ़ी हो गई चना चंद की,
लंबी प्यारी नाक।
पर दुनिया में किसी तरह से,
बचा पाए वे साख।
 
चना चंद की गेहूं सिंह से,
अब भी पक्की यारी।
कान पकड़कर गेहूं सिंह ने,
बोल दिया था सॉरी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

8 वेजिटेरियन फूड्स जो नैचुरली कम कर सकते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल, जानिए दिल को हेल्दी रखने वाले सुपरफूड्स

सोते समय म्यूजिक सुनना हो सकता है बेहद खतरनाक, जानिए इससे होने वाले 7 बड़े नुकसान

चाय कॉफी नहीं, रिफ्रेशिंग फील करने के लिए रोज सुबह करें ये 8 काम

क्या आपको भी चीजें याद नहीं रहतीं? हो सकता है ब्रेन फॉग, जानिए इलाज

क्या है सिटींग वॉकिंग का 2 पर 20 रूल? वेट लॉस और ब्लड शुगर मैनेज करने में कैसे कारगर?

सभी देखें

नवीनतम

4:3 डाइट: हफ्ते में सिर्फ 3 दिन डाइटिंग करके घटाएं वजन, जानिए कैसे करता है ये वेट लॉस प्लान कमाल

रोजमर्रा की डाइट में खाए जाने वाले ये 6 फूड्स बढ़ा सकता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, जानिए कैसे बचें

गर्मियों में घर पर बनाएं ठंडी और कूल वाटरमेलन आइसक्रीम, जानिए आसान रेसिपी

खीरे के साथ मिलाकर लगाएं ये चीजें, मिलेगा बेदाग निखार, हर कोई करेगा तारीफ

बच्चों का माइंड शार्प बनाने वाले 8 बेस्ट फूड्स, डेली डाइट में तुरंत करें शामिल

अगला लेख