Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बच्चों की कविता : सब नतमस्तक

हमें फॉलो करें Kids Poem
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सभी खिलौने भूखे प्यासे,
और कुपोषित हैं।
मोबाइल के पद अर्पण से,
सारे शोषित हैं।
 
अलमारी में सभी बंद हैं,
दम सा घुटता है।
भालू अपने बच्चे के संग,
रोता रहता है।
किसी युद्ध के अपराधी ये,
सारे घोषित हैं।
 
आंख फूट गई है गुड़िया की,
हो गई है कानी।
कंटू-कंटू सभी बोलकर,
करते मनमानी।
अंग भंग हैं सबके ही तन,
विक्षत और क्षत हैं।
 
घोड़े को चूहे ने कुतरा,
पूंछ हो गई गोल।
बदल दिया है तिलचट्टों ने,
कुत्तों का भूगोल।
बिगड़ गए हैं हुलिए सबके,
अस्सी प्रतिशत हैं।
 
टॉय कार भी पड़ी हुई है,
बड़े बॉक्स में बंद।
तीन पांव की नई साइकिल,
पेल रही भुज दंड।
मोबाइल के आगे अब तो,
सब नतमस्तक हैं।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चाय की पत्ती से बढ़ाएं अपने चेहरे की चमक