Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

रंगबिरंगी होली पर कविता : कितनी प्यारी पिचकारी

हमें फॉलो करें Poem On Holi
- सत्यनारायण 'सत्य'
 
पिचकारी रे पिचकारी रे
कितनी प्यारी पिचकारी।
छुपकर रहती रोजाना,
होली पर आ जाती है,
रंग-बिरंगे रंगों को 
इक-दूजे पर बरसाती है।
 
कोई हल्की, कोई भारी,
कितनी प्यारी पिचकारी।
होता रूप अजब अनूठा,
कोई पतली, कोई छोटी,
दुबली दिखती, गोल-मटोल,
कोई रहती मोटी-मोटी।
 
देखो सुन्दर लगती सारी,
कितनी प्यारी पिचकारी।
होली का त्योहार तो भैया,
इसके बिना रहे अधूरा,
नहीं छोड़े दूजों पर जब तक,
मजा नहीं आता है पूरा।
करती रंगों की तैयारी
कितनी प्यारी पिचकारी।

ALSO READ: होली पर कविता: एक वर्ष में होली आई

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Unhealthy Cooking Oil: कोलेस्ट्रॉल के मरीज नहीं करें इन तेल का सेवन