* बच्चों के नाम चिट्ठी : बच्चों की दुर्दशा...
प्यारे बच्चो,
आपके प्रिय चाचा नेहरू का जन्मदिन है और हम सभी चाचा नेहरू का जन्मदिन बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। लेकिन उनकी कहीं गई बातों हम नजरअंदाज कर देते हैं। आज जिस प्रकार भारत में बच्चों की दुर्दशा हो रही है, अगर बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू यह देखते तो उन्हें बहुत दुख होता।
आज देश के बच्चे बेहाल हैं। दिन प्रतिदिन बच्चों पर स्कूलों में पढ़ाई का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। खास कर बालिकाओं का हाल तो बहुत ही चिंताजनक है। उनकी सेहत, छोटी-छोटी, कम उम्र की बच्चियां और उनके साथ हो रही अनैतिक घटनाएं और उनके जन्म से पहले ही उन्हें कोख में मार दिया जाना। यह सबके लिए बेहद चिंता का विषय है।
इतना ही नहीं भारत भर में बाल श्रमिक निरंतर बढ़ रहे हैं। इसका एक कारण महंगाई का बढ़ना भी है, क्योंकि बालक-बालिकाओं की प्राथमिक शिक्षा पूरी होते-होते तमाम बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे में गरीब तबके के पालकों के पास देने के लिए स्कूल फीस भी नहीं होती है।
तो क्यों न हम सब मिलकर उन्हें उनकी इस जंग में जिताने के लिए कुछ काम करें। यदि हम बच्चों को उनकी खुशियां लौटा सकें, तभी चाचा नेहरूजी का जन्मदिन मनाना सही मायने में सच्चा साबित होगा। चाचा नेहरू भी तो यही चाहते थे ना कि देश के सभी बच्चे खुशहाल रहें। खूब पढ़े-लिखे, खेले-कूदे और मौज करें और भारत के एक अच्छे नागरिक बनकर दुनिया भारत की एक अलग पहचान बनाएं।