Karnataka Election: हलियाल (Karnataka)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर.वी. देशपांडे (R.V. Deshpande) ने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव हो सकता है और वह मुख्यमंत्री पद के लिए किसी प्रकार का संघर्ष करने में विश्वास नहीं रखते हैं। देशपांडे कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में जीत हासिल कर नौवीं बार विधायक बन एक रिकॉर्ड कायम करने की कोशिश करेंगे।
राज्य में कांग्रेस के उम्मीदवारों में देशपांडे (76) लगातार 9वीं बार चुनाव लड़ रहे सबसे वरिष्ठ उम्मीदवार हैं। उन्होंने राज्य में सबसे अधिक विधानसभा चुनाव जीतने के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
देशपांडे मूल रूप से कांग्रेसी नहीं थे। वह 1999 में जनता परिवार से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब तक, वह जनता परिवार के उम्मीदवार के रूप में 4 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। देशपांडे ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि खरगे और मैं 8 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। अगर मैं इस बार जीतता हूं तो यह सदन में एक रिकॉर्ड होगा। 9 बार कोई चुनाव नहीं जीता है।
यह पूछे जाने पर कि सबसे वरिष्ठ होने के बावजूद वह चर्चाओं से दूर क्यों हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में शामिल नहीं हैं, देशपांडे ने कहा कि मैं एक तरह से चर्चा से दूर नहीं हूं। क्योंकि मैं बहुत अनुशासित व्यक्ति हूं। मैं किसी प्रकार की दौड़ में शामिल नहीं हूं। मुख्यमंत्री पद की इच्छा हो सकती है, लेकिन आपको उसके लिए संघर्ष नहीं करना चाहिए।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सिद्दरमैया और डी.के. शिवकुमार जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री पद के लिए एक-दूसरे से संघर्ष कर रहे हैं। देशपांडे ने कहा कि पार्टी का चुनाव जीतना सबसे आवश्यक है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी एक इच्छा है। अगर मुझे प्रस्ताव मिलता है तो मेरी भी इच्छा होगी। लेकिन मैं इसके लिए लड़ने वाला आखिरी शख्स हूं।
देशपांडे ने कहा कि उन्होंने अब तक रामकृष्ण हेगड़े से लेकर 8 मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि मैंने बेल्लारी में खनन माफिया के खिलाफ पदयात्रा का नेतृत्व किया था। कई विकास कार्यों का श्रेय मुझे जाता है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta