Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार में दोनों ही प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने बड़े-बड़े नेताओं को झोंक रखा है। भाजपा की ओर से स्थानीय नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने प्रियंका गाधी (Priyanka Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य नेताओं को उतार रखा है। हालांकि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण (pre election survey) में भाजपा के दावे के विपरीत विपक्षी दल कांग्रेस की स्थिति अच्छी बताई जा रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया लोगों की पहली पसंद के रूप में उभरे हैं।
त्रिशंकु विधानसभा के आसार : हालांकि वेबदुनिया कन्नड़ के संपादक राजेश पाटिल का मानना है कि कांग्रेस अपनी ही गलतियों से नुकसान उठा सकती है। उनका मानना है कि मोदी के खिलाफ खरगे की टिप्पणी फिर घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। वे कहते हैं कि पिछले 2-3 दिन में कर्नाटक में मतदाताओं के रुख में थोड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है। उनके मुताबिक राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन सकती है।
वे कहते हैं कि कांग्रेस को 80 से 90 सीटें, भाजपा को 72 से 80 सीटें और जदएस को 32 से 35 सीटें मिल सकती हैं। पाटिल कहते हैं कि किसी भी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति में जदएस की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। वह 'किंगमेकर' के साथ ही 'किंग' भी बन सकती है।
क्या कहता है सर्वे : NDTV-CSDS सर्वे के अनुसार कर्नाटक में 28 फीसदी लोग मानते हैं कि चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। वहीं, 67 फीसदी लोगों ने माना कि पिछले 5 सालों में महंगाई खूब बढ़ी है। एक वर्ग ऐसा भी था, जिसने बढ़ती गरीबी को लेकर भी चिंता जाहिर की। इस सर्वे के मुताबिक 51 प्रतिशत लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जबकि 35 प्रतिशत लोगों का मानना था कि भ्रष्टाचार में कोई खास अंतर नहीं आया है। यह पहले की तरह ही बना हुआ है। भ्रष्टाचार बढ़ने की बात पारंपरिक भाजपा समर्थकों ने भी स्वीकार की।
इस सर्वेक्षण के दौरान टीपू सुल्तान विवाद, क्षेत्रीय भेदभाव, सड़क और बिजली सप्लाई, राज्य और केन्द्र सरकार के कामों से संतुष्टि जैसे सवाल शामिल किए थे। सर्वे के लिए राज्य के 21 विधानसभा क्षेत्रों के 82 मतदान केंद्रों में कुल 2143 लोगों से बात की गई थी। यह सर्वे 20 से 28 अप्रैल के बीच किया गया था। राज्य में वोटिंग 10 मई को होगी, जबकि परिणाम 13 मई को आएंगे।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री : जहां तक मुख्यमंत्री पद के चेहरे का सवाल है तो इस सर्वे के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया राज्य के लोगों की पहली पसंद हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दूसरे स्थान पर हैं, जबकि जदएस के नेता कुमारस्वामी तीसरे सबसे लोकप्रिय नेता रहे। डीके शिवकुमार और भाजपा नेता येदियुरप्पा इस सर्वे में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
इस सर्वे के मुताबिक 18 से 25 साल तक के 40 फीसदी युवा चाहते हैं कि सिद्धा मुख्यमंत्री बनें, जबकि 28 फीसदी मतदाता बोम्मई के पक्ष में दिखाई दिए। 56 साल तक की आयु वाले 44 फीसदी मतदाताओं ने भी सिद्धारमैया को पसंद किया, जबकि 22 फीसदी ने बोम्मई का समर्थन किया। जहां तक पार्टी का सवाल है तो 56 फीसदी लोगों ने माना कि वे पार्टी देखकर वोट करेंगे, जबकि 38 फीसदी ने माना कि वे उम्मीदवार देखकर मतदान करेंगे। 4 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री फेस को देखकर वोट डालने की बात कही।
क्या कहते हैं ओपिनियन पोल : विभिन्न ओपिनियन पोल में भी कांग्रेस बढ़त बनाते हुए दिखाई दे रही है। एबीपी-सीवोटर के मुताबिक कांग्रेस राज्य में 107 से 119 सीटें जीत सकती है। भाजपा 86 सीटों के आसपास सिमट सकती है। जेडीएस को 23 से 35 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, टीवी 9-सीवोटर सर्वे कांग्रेस को 106 से 116 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त कर रहा है, वहीं भाजपा को 79 से 89 सीटें मिल सकती हैं।
सर्वे एजेंसी |
भाजपा |
कांग्रेस |
जदएस |
एबीपी-सीवोटर |
74 से 86 |
107 से 119 |
23 से 35 |
टीवी 9-सीवोटर |
79 से 89 |
106 से 116 |
24 से 34 |
योगेन्द्र यादव-किसान संगठन |
57 से 65 |
132 से 140 |
19 से 25 |
योगेन्द्र यादव के किसान संगठन के सर्वे के मुताबिक कांग्रेस कांग्रेस को 132 से 140 सीटें मिल सकती हैं, वहीं भाजपा के खाते में 57 से 65 सीटें जा सकती हैं। जेडीएस 19 से 25 सीटें जीत सकती है, वहीं अन्य के खाते में 1 से 5 सीटें आ सकती हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 80, जबकि भाजपा को 104 और जदएस को 37 सीटें मिली थीं। ताजा सर्वे के मुताबिक भाजपा और जदएस का ग्राफ नीचे जाता दिखाई दे रहा है। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की दरकार होगी।