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Baba Amarnath Yatra: हिचकोले खा रही है यात्रा, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह है बरकरार

हमें फॉलो करें Baba Amarnath Yatra: हिचकोले खा रही है यात्रा, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह है बरकरार
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सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 8 जुलाई 2022 (15:32 IST)
जम्मू। लगातार खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा हिचकोले तो खा रही है, पर अमरनाथ श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताजा भूस्खलन और कई-कई क्षेत्रों में फिसलन के कारण शुक्रवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया जिसके चलते शुक्रवार सुबह भगवती नगर जम्मू स्थित आधार शिविर से निकला अमरनाथ यात्रा का जत्था चंद्रकोट रामबन में रोक दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि रास्ता साफ होते ही श्रद्धालुओं को आगे रवाना कर दिया जाएगा।
 
ट्रैफिक कंट्रोल रूम रामबन से मिली जानकारी अनुसार सड़क साफ करने का कार्य जारी है। मौसम साफ होते ही जैसे ही रामबन क्षेत्र में हुए भूस्खलन का मलबा हटाया जाता है, दोनों तरफ से फंसी गाड़ियों को निकाला जाएगा। रामबन से बनिहाल के बीच हुए भूस्खलन को हटाने में 6 से 7 घंटे लगने की संभावना है।
 
उन्होंने कहा कि सड़क साफ होने तक दोनों ओर से कोई भी नया वाहन नहीं चलने दिया जाएगा। 
इतना जरूर था कि मौसम के कारण हिचकोले खा रही यात्रा में खराब मौसम में भी श्रद्धालुओं का उत्साह बरकार है। बारिश थमने तक श्रद्धालु शिविरों में रुके रहते हैं और जैसे ही मौसम में थोड़ा सुधार होता है तो वे हिमलिंग के दिव्य दर्शनों की कामना के साथ अगले पड़ाव पर निकल पड़ते हैं। आज शुक्रवार को भी बारिश ने यात्रा में विघ्न डालने का प्रयास किया, परंतु जैसे ही बारिश रुकी, श्रद्धालु पवित्र गुफा की ओर निकल पड़े।
 
हालांकि सुबह बारिश की वजह से सुबह 4 बजे आरंभ होने वाली यात्रा 3 घंटे बाद 7 बजे शुरू की गई। 
इस बीच जम्मू में यात्रा के लिए तत्काल पंजीकरण प्रक्रिया लगातार जारी है और शुक्रवार को भी पंजीकरण केंद्रों के बाहर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कतारबद्ध रहे। हालांकि सुबह वर्षा के कारण श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन वर्षा के बीच भी ये श्रद्धालु डटे रहे।
 
वहीं भगवती नगर स्थित यात्री निवास से शुक्रवार को 6,159 श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना किया गया। इस 10वें जत्थे में 2,037 श्रद्धालु बालटाल रूट से यात्रा करने के लिए रवाना हुए जबकि 4,122 श्रद्धालु पहलगाम रूट से यात्रा करने के लिए जम्मू से रवाना हुए। इन श्रद्धालुओं को 249 छोटे-बड़े वाहनों में सवार करके भेजा गया।

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