4 साल की नजरबंदी से रिहा होने के उपरांत मीरवायज उमर फारूक ने श्रीनगर की जामा मस्जिद में धार्मिक उपदेश के दौरान स्थिति पूरी तरह से रहने का नागरिक प्रशासन का दावा आज कश्मीर पुलिस की उस स्वीकारोक्ति के बाद पूरी तरह से झूठा साबित हो गया है जिसमें कश्मीर पुलिस ने खुद स्वीकार किया है कि उसने 10 उन युवकों को जामा मस्जिद के बाहर भड़काऊ नारेबाजी के लिए पकड़ा है।
पुलिस ने इसके प्रति खुद जानकारी देते हुए बताया है कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ युवकों ने माहौल खराब करने की कोशिश की। उन्होंने भड़काऊ नारेबाजी की। मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ऐतिहासिक जामिया मस्जिद परिसर में भड़काऊ नारेबाजी करने में लिप्त 10 हुड़दंगियों को हिरासत में ले लिया है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) की एक पोस्ट में, पुलिस ने कहा कि उन पर कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि कल शुक्रवार की नमाज के बाद जामिया मस्जिद के बाहर शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश करने के आरोप में 10 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया। उन पर कानून की संबंधित धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने जनता से अनुरोध किया है कि वे ऐसे कृत्यों में शामिल न हों, अन्यथा कानून अपना काम करेगा।
पुलिस का कहना है कि नमाज के संपन्न होने के बाद वहां कुछ तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था। इससे वहां कुछ समय के लिए तनाव भी पैदा हुआ था, लेकिन मस्जिद प्रबंधन और वहां मौजूदा गणमान्य नागरिकों ने हस्ताक्षेप कर स्थिति को पर काबू पा लिया।
पकड़े गए युवकों में से अधिकांश नाबालिग हैं। याद रहे डाउन टाउन में नौहट्टा स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में गत शुक्रवार को हुर्रियत चेयरमैन मीरवायज मौलवी उमर फारूक लगभग चार साल बाद नमाज ए जुम्मा अदा करने पहुंचे थे। और उसके उपरांत कश्मीर के मंडलायुक्त ने शुक्रवार की नमाज के शांतिपूर्ण होने का दावा भी एक पत्रकार सम्मेलन में किया था। Edited by : Sudhir Sharma